अम्बिकापुर : कलेक्टर ने किया रनपुरकला गोठान का निरीक्षण : गुणवत्तापूर्ण सुपर कंपोस्ट बनाने के निर्देश
अम्बिकापुर : कलेक्टर ने किया रनपुरकला गोठान का निरीक्षण : गुणवत्तापूर्ण सुपर कंपोस्ट बनाने के निर्देश

अम्बिकापुर 5 जून 2021

कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने शनिवार को अम्बिकापुर जनपद अंतर्गत ग्राम रनपुरकला स्थित गोठान का निरीक्षण किया । उन्होंने गोठान में आतिशेष गोबर से सुपर कम्पोस्ट बनाने की तैयारी का अवलोकन कर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के निर्देश अधिकारियो को दिये।

अम्बिकापुर : कलेक्टर ने किया रनपुरकला गोठान का निरीक्षण : गुणवत्तापूर्ण सुपर कंपोस्ट बनाने के निर्देश
अम्बिकापुर : कलेक्टर ने किया रनपुरकला गोठान का निरीक्षण : गुणवत्तापूर्ण सुपर कंपोस्ट बनाने के निर्देश

कलेक्टर ने कहा कि सुपर कम्पोस्ट बनाने के लिए शासन के दिशानिर्देशनुसार आवश्यक तैयारी करें। सही मात्रा में गोबर और डिकम्पोजर  का मिश्रण कर निर्धारित समय तक रखें । वेस्ट डिकपम्पोजर  कल्चर  तैयार करने में  विशेष सावधानी रखें । उन्होंने गोठान के बाहर रखे  सभी गोबर को सुपर कम्पोस्ट बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गोठान में निर्मित कुंआ का अवलोकन कर उसके सौदर्यीकरण के लिये आस.पास की साफ .सफाई  कराने कहा। उन्होंने गोठान को हरा-भरा  बनाने के लिए गोठान में फलदार पौधे लगाने तथा सुरक्षा के लिए गोठान के  चारो ओर बांस के फेंसिंग लगवाने के निर्देश दिए।

गोबर से  सुपर कम्पोस्ट बनाने के पहले चरण में वेस्ट डी – कंपोजर तैयार करना जरूरी है। डी कंपोजर तैयार करने के लिए वैज्ञानिक डॉ प्रशांत शर्मा एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी जनपदों के गोठान समिति से जुड़े समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है जिससे महिलाओं ने गोठान में डिकंपोजर तैयार करना शुरू कर दिया है। गोबर और डिकंपोजर के मिश्रण को 40-45 दिन में सुपर कम्पोस्ट तैयार हो जाएगा

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ऐसे बनेगा सुपर कम्पोस्ट

सबसे पहले डिकंपोजर घोल तैयार करने के लिए 200 लीटर पानी मे 2 किलो गुड़ एवं एक शीशी वेस्ट डीकंपोजर मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। इस घोल को 3 से 7 दिन तक  प्रतिदिन दो बार दो मिनट तक  लकड़ी की छड़ी से  हिलाकर रखा जाता है। डिकंपोजर घोल में  9 से 10 गुना पानी मिलाकर  20-25 दिन पुराने 15 किलो  गोबर में 200 लीटर घोल को छिड़ककर अच्छी तरह से मिला दिया जाता है। गोबर को 7 से 15 दिन तक तिरपाल या पैरा से ढक कर रखा जाता है ताकि 60 प्रतिशत तक नमी बनी रहे। डी कंपोजर घोल मिलाये जाने की प्रक्रिया आवश्यकतानुसार 3 से 4 बार दोहराई  जाती है। डिकंपोजर घोल मिलाये जाने के 40 से 45 दिन बाद जैविक खाद तैयार हो जाता है।

इस दौरान सहायक कलेक्टर श्री विनय कुमार  लंगेह, उप संचालक कृषि श्री एमआर भगत, सहायक संचालक श्री जीएस धु्रव, जनपद सीईओ श्री एस एन तिवारी, वैज्ञानिक डॉ प्रशांत शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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