उत्तर बस्तर कांकेर 03 जून 2021
गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुधन में गलघोंटू तथा एक टंगिया बीमारी से बचाव के लिए जिले में 01 जून से सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशुओं में उक्त बीमारी के संबंध में जानकारी देते हुए पशुधन विकास विभाग के उप संचालक ने बताया कि गलघोंटू तथा एक टंगिया जीवाणु जनित बीमारी है, जो क्रमशः पाश्चुरेला एवं क्लास्ट्रीडियम नामक जीवाणु से होता है। गलघोंटू मे तेज बुखार, आंखों में सूजन तथा गले मे संक्रमण एवं सूजन के कारण घर्र-घर्र की आवाज आती है तथा सांस लेने में तकलीफ होती है व लार बहने लगता है।
इसी प्रकार एक टंगिया बीमारी में बुखार एवं जॉघ के मांसपेशी मे दर्द युक्त सूजन होता है, जिसमें चर्र-चर्र की आवाज आती है तथा जानवर को चलने में परेशानी होती है। एक टंगिया रोग में 04 माह से 02-03 वर्ष तक के युवा पशु सबसे अधिक संवेदनशीन होते हैं। गलघोंटू का टीकाकरण 04 माह से ऊपर के सभी उम्र के पशुओं में किया जाता है।
उप संचालक ने कहा कि पशुपालकों को प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु से पहले इस रोग का टीका पशुपालकों को अवश्य लगवा लेना चाहिए तथा बीमार पशु को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिये। जिस स्थान पर पशु मरा हो उसे कीटाणुनाशक दवाईयों, फिनाईल य चूने के घोल से धोना चाहिये और पशु आवास को स्वच्छ रखना चाहिये। पशुओं में रोग की संभावना होने पर उन्होंने तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह भी दी है।
उप संचालक ने जिले के पशुपालक एवं किसानों से अनुरोध किया है कि विभाग द्वारा सूचित करने पर निर्धारित तिथि को अपने पशुओं को घर में बांध कर रखें और टीकाकरण के दिन अपने पशुओं का अनिवार्यतः टीकाकरण करवायें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम के पशु चिकित्सा संस्थान से संपर्क किया जा सकता है।
क्रमांक/544/सुरेन्द्र ठाकुर
Source: http://dprcg.gov.in/