ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच वैज्ञानिकों ने एक और दावा किया है। इस दावे को देखें तो आने वाले समय में ओमिक्रॉन भारी तबाही मचा सकता है। इतना ही नहीं अगर सही समय पर सही उपाय नहीं किए गए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि कोरोना का ये वैरिएंट ब्रिटेन में जमकर तबाही मचा सकता है। यदि संक्रमण को रोकने का कोई कठिन उपाय नहीं किया जाए तो UK में अगले साल के अप्रैल तक 25,000 से 75,000 मौतें हो सकती हैं।
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में कहा है कि ‘साक्ष्यों से पता चलता है कि इंग्लैंड में Omicron B.1.1.1.529 वैरिएंट की वजह से SARS-CoV2 तेजी से फैलेगा। अगर सख्त उपाय नहीं किए गए तो अल्फा की तुलना में इसके मामले अधिक क्षमता के साथ बढ़ेंगे। ऐसा अंदाजा ओमिक्रॉन की तेजी से फैलने की क्षमता और इम्यूनिटी से बचने की वजह से लगाया जा रहा है।
WHO भी लगातार पूरी दुनिया को इस नए वैरिएंट के खतरे से आगाह कर रहा है। WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैलता है और इसमें वैक्सीन की प्रभावशीलता कम करने की क्षमता है। फिलहाल के डेटा बताते हैं कि ओमिक्रॉन कोई गंभीर बीमारी की वजह नहीं बनता है लेकिन हल्के लक्षण या एसिम्टोमैटिक मामले एक अलग तरह की चुनौतियां बढ़ा रहे हैं। WHO ने कहा कि मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन होने पर नया वैरिएंट डेल्टा से भी आगे निकल सकता है।