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  • डबरी, तालाब, स्टाप डेम, बकरी शेड एवं कुक्कुट शेड जैसे निर्माण कार्य का हो रहा सृजन

कोरबा । कोरबा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त माह तक 55 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिल चुका है। मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के हितग्राही मूलक और सामुदायिक कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार दिलाने की योजना मनरेगा के माध्यम से गांवों में तालाब, चेकडेम एवं स्टापडेम जैसी परिसम्पत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार का साधन उपलब्ध कराने और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से हितग्राही मूलक काम भी किये जा रहे हैं। मनरेगा अंतर्गत ग्रामीण हितग्राहियों के लिए डबरी निर्माण किया जा रहा है जिससे ग्रामीण मछली पालन का व्यवसाय कर आर्थिक लाभ कमा सके। मनरेगा के तहत किसानों के लिए सिंचाई कूप का भी निर्माण किया जा रहा है जिससे किसानों को अपने फसलों की सिंचाई करने में मदद मिल रही है। ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने बकरी पालन के लिए बकरी शेड निर्माण, मुर्गी पालन के लिए कुक्कुट शेड निर्माण कराया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए वर्मी टांका एवं नाडेप टैंक का भी निर्माण किया जा रहा है। वर्षों से वन भूमि पर खेती-किसानी कर रहे आदिवासियों को वनभूमि का अधिकार वनभूमि अधिकार पट्टा के माध्यम से दिया गया है। मनरेगा के माध्यम से वनभूमि पर काबिज आदिवासियों के कृषि भूमि पर भूमि सुधार का कार्य भी किया जा रहा है जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि हो रही है।

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जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार ने बताया कि कोरबा जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 अगस्त माह तक कुल सात हजार 192 हितग्राही मूल कार्य किये गये हैं। इसके तहत हितग्रहियों के आजीविका संवर्धन के लिए डबरी निर्माण, सिंचाई कूप निर्माण, बकरी शेड, कुक्कुट शेड जैसी स्थायी परिसम्पत्तियों का निर्माण कराया गया है। इससे हितग्रहियों को आजीविका का साधन प्राप्त हुआ है और उनसे ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। परिसंपत्तियों के स्थायी निर्माण से निर्माण कार्य में लगे ग्रामीणों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। इसी अवधि में जिले में कुल एक हजार 176 सामुदायिक कार्य भी कराये गये हैं सामुदायिक कार्य के अंतर्गत नया तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, चेकडेम, स्टॉपडेम, आंगनबाड़ी और पंचायत भवनों का निर्माण किया गया है। इन निर्माण कार्यों से पूरे गांव के लोग लाभान्वित हुए हैं और मनरेगा के माध्यम से निर्माण कार्योंे से ग्रामीणों को रोजगार भी मिला है। सामुदायिक कार्य के माध्यम से ग्रामीणों को पांच किलोमीटर के दायरे में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। ग्रामीणों को अपने घर के पास भी काम मिल जाने से परिवार के पालन-पोषण के साथ परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी आसानी हुई है। मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 अगस्त तक कुल एक हजार 828 डबरी निर्माण, 145 सिंचाई कूप निर्माण, तीन बकरी शेड निर्माण, 106 कुक्कुट शेड निर्माण, तीन हजार 012 वर्मी टांका निर्माण, 16 नाडेप टैंक निर्माण एवं दो हजार 082 वनभूमि पट्टे के तहत मिली भूमि का सुधार कार्य कराया गया है। इसी प्रकार इसी अवधि में 514 नया तालाब, 619 तालाब गहरीकरण, आठ चेक डेम, चार स्टाप डेम, आठ आंगनबाड़ी भवन एवं 23 ग्राम पंचायत भवन निर्माण जैसे सामुदायिक कार्य भी कराये गये हैं।

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