संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी और एनिमिक महिलाओं की जांच तेज करने के निर्देश

वीडियो कंान्फें्रसिंग के माध्यम से आकांक्षी जिले के लिए निर्धारित स्वास्थ्य संकेतांकों की प्रगति की हुई समीक्षा

कोरबा 03 फरवरी 20

कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिले के सभी विकासखंडों में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ वीडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से आकांक्षी जिले के लिए निर्धारित संकेतांकों की प्रगति की समीक्षा की। श्रीमती कौशल ने जिले की सभी गर्भवती महिलाओं की तीन-तीन महिनों में होने वाली स्वास्थ्य जांच गंभीरता से कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने मितानीनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर सभी गर्भवती महिलाओं की पहचान करने और उनकी गर्भ अवस्था अनुसार स्वास्थ्य संबंधी जांच कराने के निर्देश दिए। किसी भी गर्भवती महिला को किसी बीमारी या कुपोषण की स्थिति में उसका उचित ईलाज भी सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को दिए। सभी स्वास्थ्य जांचों के दौरान गर्भवती महिलाओं की खून की जांच के साथ एनिमिया की जांच भी अनिवार्यतः कराने के निर्देश दिए हैं। नोडल अधिकारी श्रीमती नंदिनी साहू, सीएमएचओ डा. बी.बी.बोडे सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद किसपोट्टा भी मोैजूद रहे। विकासखंड मुख्यालयों के एनआईसी कक्षों से अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

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       श्रीमती कौशल ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के साथ-साथ स्वस्थ शिशु जन्म के लिये विशेष प्रयास करने के निर्देश अधिकारी-कर्मचारियों को दिये। कलेक्टर ने गांव स्तर पर गर्भवती महिलाओं की पूरी जानकारी दोनों विभागों के मैदानी अमले को रखने के निर्देश दिये। प्रसव की अनुमानित तिथि के एक सप्ताह पहले से ही गर्भवती महिला की प्रतिदिन की जानकारी रखने और प्रसव के लिये उन्हें संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र में लाने के संयुक्त प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान दिये। श्रीमती कौशल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को अंतिम तिमाही में आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म पौष्टिक भोजन के लिये अनिर्वायतः आमंत्रित किया जाये और अपने सामने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या मितानिन ऐसी सभी गर्भवती महिलाओं को भोजन कराना सुनिश्चित करें ताकि जन्म लेने वाला शिशु स्वस्थ और पर्याप्त वजन वाला हो। श्रीमती कौशल ने निर्देशित किया कि यदि अस्पताल तक ले जाने में असुविधा या समय न हो तो ऐसी परिस्थिति में प्रसव के लिये विशेष रूप से प्रशिक्षित कार्यकर्ता की देखरेख में ही घर पर प्रसव कराया जाये। कलेक्टर ने मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन कराने के लिये घर-घर जाकर बुलाने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने एनिमिक गर्भवती महिलाओं को आयरन टेबलेट और आयरन सुक्रोज के डोज भी आवश्यकतानुसार देने के निर्देश उपस्थित स्वास्थ्य अमले को दिए।

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गांव स्तर पर शुरू हुई छेवारी वाहन की सुविधा- जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर शत्-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिये गांव स्तर पर छेवारी वाहन की सुविधा शुरू हो गई है। गांव स्तर पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिये अस्पताल तक लाने गांव के ही किसी चार पहिया वाहन का उपयोग शुरू हो गया है। इस चार पहिया वाहन से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने पर होने वाले व्यय का आंकलन कर संबंधित व्यक्ति को भुगतान किया जायेगा। ऐसे वाहन का नंबर और उसके चालक के मोबाईल नंबर को गांव में प्रचारित-प्रसारित किया जायेगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर गांव से ही तत्काल वाहन की सुविधा उपलब्ध हो सके और गर्भवती महिला को समय पर प्रसव के लिये सुरक्षित अस्पताल तक पहुॅंचाया जा सके। कलेक्टर ने आज की बैठक में छेवारी वाहनों की जानकारी, उनका नंबर, चालक का नंबर और नाम आदि को गांवों में अनेक स्थानों पर दिवाल लेखन के माध्यम से प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिये। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिले में छेवारी वाहनों का चिन्हांकन पूरा कर लिया गया है। पांचों विकासखंडों में लगभग तीन सौ वाहनों की पहचान की गई है। वाहन चालकों के नाम, नंबर आदि का दिवाल लेखन ग्राम पंचायतों में कराया जा रहा है और अब तक छेवारी वाहनों से 18 गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पतालों तक पहुंचाया गया है।

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क्रमांक 1114/नागेश/