- जिला प्रशासन और कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वय से सामूहिक बाड़ी विकास की संकल्पना साकार
कोरिया । लेमन ग्रास एवं खस की कृषि के नवाचार ने कोरिया जिले को पूरे देश में अलग पहचान दी है। इस नवाचार से आदिवासी कृषकों को सामूहिक बाड़ियों के माध्यम से लाखों की आय संभव हुई है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना नरवाए गरुवाए घुरुवा और बाड़ी के अंतर्गत जिला प्रशासन के मार्गदर्शन तथा कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया के तकनीकी सहयोग से दुधनियाए उमझर तथा लाई में कृषकों को संगठित कर मनरेगा के अंतर्गत पड़त भूमि का विकास कर सगंध फसलों की खेती की जा रही है। इस वर्ष सामूहिक बाड़ी में खस उत्पादन से किसानों को 1 लाख से अधिक की आय हुई है। ग्राम उमझर की सामूहिक बाड़ी से कुल 48 हजार रूपए की कीमत के खस की स्लिप्स कृषि विज्ञान केंद्र अंबिकापुर, बलरामपुर, जशपुर तथा मैनपाट को विक्रय की गयी है।
इसके साथ ही वनमंडल अधिकारी मनेन्द्रगढ़ को भी 76 हजार रूपए की खस स्लिप्स प्रदाय की गयी है। इस वर्ष वनमंडल अधिकारी मनेंद्रगढ़ एवं बैकुंठपुर के को 8 लाख लेमन ग्रास की आपूर्ति की गयी है। इस नवाचारी पहल से विगत वर्ष में भी किसानों को बेहद लाभ हुआ है। उद्यानिकी विभाग को लेमन ग्रास की स्लिप्स विक्रय कर कुल 3 लाख 43 हजार रूपये तक की आय हुई है। यहां जिला प्रशासन कोरिया के सहयोग से आसवन संयंत्र केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौध संस्थानए लखनऊ के मार्गदर्शन में स्थापित भी किया गया है। कृषकों दवारा उत्पादित लेमन ग्रास का सगंध तेल निकाल कर विपणन की कड़ी को शासकीय या अशासकीय संस्थानों से जोड़ कर कृषकों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो रही है। साथ ही साथ सगंध तेल से समूहों दवारा साबुन, अगरबत्ती, मॉस्कीटो रेपलेंट इत्यादि का निर्माण कर बेचा जा रहा है।