राजनांदगांव । महतारी एक्सप्रेस के चालक डिलीवरी के केस ला रहे हैं पर गर्भवतियों को इन दोनों सरकारी अस्पतालों से रेफर कर दिया जा रहा है। पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज और बसंतपुर में संचालित जिला अस्पताल के गायनिक डिपार्टमेंट की व्यवस्था इस कदर खराब है कि डॉक्टर रात को डिलीवरी के केस को हाथ नहीं लगा रहे हैं। स्टाफ की कमी बताकर रेफर तो कभी दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह देकर मरीजों का दर्द बढ़ा दे रहे हैं। इस खराब सिस्टम के बीच महतारी पिस रही है। रोज ऐसे केस सामने आ रहे हैं। शिकायतें हो रही हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन कुछ नहीं कर पा रहा है।
इस चक्कर में संजीवनी 108 और 102 महतारी एक्सप्रेस के चालक फंस जा रहे हैं। ये केस लेकर सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं पर भर्ती नहीं लेने में एम्बुलेंस चालकों को परिजन खरी-खोटी सुना रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि अगर स्टाफ की कमी होगी तो इसे दूर कर रहे हैं। वहीं अन्य कुछ कारण होगा तो जांच कराएंगे। पेंड्री अस्पताल में तो शाम 4 बजने के बाद साफ कह दिया जा रहा है कि डिलीवरी के केस नहीं लेंगे। पेंड्री अस्पताल का गायनिक डिपार्टमेंट तो मानों रेफर वार्ड ही बनकर रह गया है। यहां पर दूसरी बार सिजेरियन डिलीवरी वाले केस तो हाथ ही नहीं लगए जा रहे हैं। ऐसे में गर्भवतियों को सीधे मेकाहारा जाना पड़ रहा है। दो दिन पहले ही 102 महतारी एक्सप्रेस के चालक ने साल्हेवारा क्षेत्र से प्रसव का केस लेकर पहुंचे थे। गर्भवती दर्द से कराह रही थी। एम्बुलेंस चालक रफ्तार से पेंड्री अस्पताल पहुंचा पर यहां भर्ती लेने से मना कर दिया गया।
परिजनों ने एम्बुलेंस चालक को घेर लिया था कि वह पेंड्री अस्पताल लेकर क्यों पहुंचा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सिजेरियन डिलीवरी क्यों नहीं कर रहे हैं? यह पता लगवाया जाएगा। स्टाफ की कमी को दूर कर रहे हैं। सिजेरियन डिलीवरी प्लानिंग से होती है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डीन से इस मसले पर चर्चा हुई है। डीन का कहना है कि गायनिक डिपार्टमेंट में दो डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है पर एक ने ज्वॉइनिंग नहीं की है।