गरियाबंद : नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 92.76 किलोमीटर लम्बाई के नाला एवं उनके सहायक नालों का उपचार
गरियाबंद : नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 92.76 किलोमीटर लम्बाई के नाला एवं उनके सहायक नालों का उपचार

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ शासन की महती योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत नरवा विकास योजना के तहत गरियाबंद वनमण्डल गरियाबंद में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 हेतु कैम्पा मद अंतर्गत कुल 16 नाला एवं 81 सहायक नाला के विकास कार्य स्वीकृत किया गया है।

नरवा विकास योजना का प्रमुख उद्देश्य जल ग्रहण क्षेत्र में भूजल स्तर को बढ़ाना, मिट्टी का कटाव रोकना एवं नाले पर मिट्टी के भराव रोकना है। वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा जिले में कुल जल संग्रहण क्षेत्र 15 हजार 973 हेक्टेयर अंतर्गत 92.76 किलोमीटर लम्बाई के नाला एवं उनके सहायक समस्त नालों का उपचार किया जा रहा है।

सभी नालों के अंतर्गत राईड टू वेली के सिद्धांत अनुसार ब्रशवुड चेकडेम, लुज बोल्डर चेकडेम, बोल्डर चेकडेम, कन्दुर ट्रेंच, गेबियन आदि संरचना का निर्माण तथा डाइक एवं स्टापडेम जैसे संरचनाओं सहित कुल 1 लाख 7 हजार 522 संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

विभाग के द्वारा छोटी संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। बुधवार को नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी कार्यक्रम के तहत नरवा विकास कार्य का निरीक्षण हेतु चिंगरापगार नाला का सलाहकार मुख्यमंत्री श्री प्रदीप शर्मा एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम श्री गिरीश देवांगन द्वारा निरीक्षण भ्रमण किया गया।

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जिसमें वन विभाग गरियाबंद द्वारा तैयार किये गये कन्टूर ट्रेंच, बोल्डर चेकडैम, गेबियन संरचना आदि का बारीकी से निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा वन विभाग के नरवा योजना अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों की सराहना की गई।

इस अवसर पर कलेक्टर गरियाबंद श्री निलेश क्षीरसागर, वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद श्री मयंक अग्रवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य एवं राज्य सदस्य कैम्पा श्रीमती लक्ष्मी साहू तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष फिंगेश्वर श्रीमती पुष्पा साहू, जिले के जनप्रतिनिधिगण एवं वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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