घरों सहित सार्वजनिक रूप से विराजे गणपति
घरों सहित सार्वजनिक रूप से विराजे गणपति

खरसिया। यूं तो गणपति बप्पा को अगले बरस जल्दी आ कहकर विदा किया जाता है, परंतु संक्रमण काल के कारण 2 वर्ष बाद श्रीगणेश चतुर्थी के पर्व पर सार्वजनिक रूप से गजानंद स्वामी की पूजा शुक्रवार से प्रारंभ हुई। ऐसे में भक्तों सहित युवकों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

गणपति स्थापना को लेकर इस वर्ष बच्चों सहित नवयुवकों ने लगभग महीने भर पहले की तैयारियां शुरू कर दी थीं। अपनी अपनी पसंद से सबने गणपति बप्पा की मनोहारी मूर्तियां बनवाईं। वहीं पूरी भव्यता एवं भक्ति भावना के साथ शुभ मुहूर्त में स्थापना कर उत्साह पूर्वक पूजा अर्चना की। गंज बाजार के महाराजा प्रेम गणेश उत्सव समिति, श्रीराम गणेश उत्सव समिति, महुआपाली रोड स्थित निकले महादेव गणेश उत्सव समिति तथा सार्वजनिक गणेश उत्सव समिति सहित नगर के अनेक गली गलियारों में इस वर्ष श्रीगणेश जी के भव्य पंडाल सजाए गए हैं। वहीं घर-घर में विघ्न विनायक की प्रतिष्ठा कर सुबह एवं शाम पूजा प्रारंभ कर दी गई है। यह गणपति पूजन अनंत चतुर्दशी तक निरंतर होगा। बाजारों में देखा गया विशेष उत्साह गणपति पूजा को लेकर 3 दिनों तक बाजार में भरपूर रौनक रही। स्टेशन रोड जहां पूजा की दुकानें तथा साज-सज्जा की दुकानें हैं, यहां तो ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित रहा। हालांकि राहगीरों सहित सभी दुकानदारों ने परस्पर सहयोग की भावना से कार्य किया। ऐसे में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। उल्लेखनीय होगा कि श्रीगणेश की मूर्तियों में इस बार विशेष महंगाई देखी गई। घरों में विराजमान करने के लिए छोटी-छोटी प्रतिमाएं 500 से 5100 रुपए तक बिकीं। वहीं पंडालों में स्थापित की गई मूर्तियां 15000 से 31000 रुपए में बनवाई गईं। हालांकि उत्साही भक्तों के लिए मूर्तियों की यह बढ़ी हुई कीमत प्रभावकारी साबित नहीं हुई। वहीं बाजार में बेहिसाब प्रतिमाएं तथा साज-सज्जा के सामानों की बिक्री हुई।

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