नयी दिल्ली/भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी में आसन्न चक्रवात ‘जवाद’ (Cyclone Jawad) से निपटने की राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की और अधिकारियों को जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उधर पूर्वी तटीय रेलवे ने गुरुवार को कहा कि उसने ओडिशा तट पर चक्रवाती तूफान के आने की आशंका के मद्देनजर गुरुवार से तीन दिनों के लिए 95 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए हरसंभव कदम उठाने, बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेय जल जैसी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित करने व इनमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने पर उन्हें तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता और उनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के साथ ही चौबीसों घंटे काम करने वाले कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार पी के मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक और भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक सहित कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष चक्रवात की वर्तमान स्थिति और इसके संभावित असर के बारे में एक प्रस्तुति के जरिए जानकारी दी गई।
तीन दिन के लिए 95 ट्रेनों का परिचालन किया रद्द
पूर्वी तटीय रेलवे ने गुरुवार को कहा कि उसने ओडिशा तट पर चक्रवाती तूफान के आने की आशंका के मद्देनजर गुरुवार से तीन दिनों के लिए 95 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया। पूर्वी तट रेलवे ने एक बयान में बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर विभिन्न इलाकों से चलने वाली और इस क्षेत्र से गुजरने वाली 95 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन दो-चार दिसंबर के बीच रद्द कर दिया गया है।
इन इलाकों को प्रभावित कर सकता है चक्रवात
ऐसी आशंका जताई गई है कि चक्रवात आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि एक चक्रवाती तूफान शनिवार की सुबह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंच सकता है। आईएमडी ने कहा कि दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक अंडमान सागर के मध्य हिस्से पर निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया और दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे अंडमान सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। मौसम कार्यालय ने बताया कि इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ने और दक्षिण पूर्व तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में अगले 12 घंटे में दबाव में केंद्रित होने का अनुमान है। इसके चार दिसंबर की सुबह दक्षिण ओडिशा तट के आसपास पहुंचने का अनुमान है।
वहीं ओडिशा सरकार ने राज्य के 13 जिलों के जिलाधिकारियों को लोगों को तटीय इलाकों से बाहर निकालने और राहत व बचाव कार्य के लिए तैयार रहने को कहा है। चक्रवात के पूर्वानुमान के बीच ओडिशा के कुछ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने अगले कुछ दिनों में ‘भारी’ से ‘बहुत भारी’ बारिश की भविष्यवाणी करते हुए कुछ जिलों में रेड, आरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया है। मौसम कार्यालय ने कहा कि दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्र में बना निम्न दबाव का क्षेत्र भारी होते हुए 3 दिसंबर के आसपास एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। सिस्टम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर के आसपास उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट पर पहुंच जाएगा।