छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संविधान में मनोनयन की व्यवस्था का स्पष्टीकरण देते हुए चेंबर के पूर्व मंत्री एवं उपाध्यक्ष वासुदेव जोतवानी ने चर्चा में यह जानकारी दी कि पूर्व की तरह अब चेंबर में मनोनयन की प्रक्रिया को संविधान के हिसाब से करने की आवश्यकता है क्योंकि संविधान के अनुसार यदि किसी वर्ग में सदस्य संख्या 25 या 25 से अधिक होगी तो उस वर्ग से एक प्रतिनिधि अर्थात एक से अधिक सदस्यों का कार्यकारिणी में मनोनयन नहीं किया जा सकता क्योंकि कंडिका एक (क ) में स्पष्ट है कि समिति के लिए वर्ग का प्रतिनिधि का चुनाव वर्ग के सदस्यों द्वारा किया जाएगा
अतः स्पष्ट है कि वर्ग के लोग ही कार्यकारिणी सदस्य को चुनेंगे किसी भी पदाधिकारी को मनोनयन का अधिकार नहीं होगा कंडिका दो (ख) की व्यवस्था में स्पष्ट है कि वर्ग जिसकी संख्या 25 या 25 से अधिक है उसी वर्ग द्वारा 15 सदस्य कमेटी का गठन किया जाएगा कमेटी चुनाव द्वारा निर्मित होगी और जिसका चुनाव कमेटी ही करेगी जिसके द्वारा अपनी चुनाव कमेटी ही अपनी समस्याएं कठिनाइयां इत्यादि को संघ तक पहुंचाने का दायित्व होगा अर्थात मनोनयन के द्वारा कमेटी का निर्माण नहीं हो सकता अर्थात किसी भी पदाधिकारी द्वारा कमेटी का निर्माण नहीं किया जा सकता
नंबर 3 वर्ग के कार्यकारिणी समिति में जो प्रतिनिधि भेजा जाएगा वह कम से कम 2 वर्षों से चेंबर का सदस्य होना आवश्यक है कंडिका 8 की दो में स्पष्ट है कार्यकारिणी ही 3 पदों पर कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त कर सकती है सदस्यों को केवल दो ही मनोनीत कर सकते हैं अर्थात अध्यक्ष को केवल 2 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार प्राप्त है कंडिका 16 के अनुसार आठ उपाध्यक्ष एवं आठ मंत्री जो रायपुर से होंगे तथा छत्तीसगढ़ के किन्ही मैं से दो कार्यकारी अध्यक्ष मनोनयन का अधिकार अध्यक्ष को होगा यहां भी है स्पष्ट है कि केवल दो कार्यकारी अध्यक्ष ही बनाए जा सकते हैं
यह व्यवस्था संविधान में दी गई है। श्री जोतवानी ने पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि कृपया संविधान का पालन करते हुए व्यापारी हित में कार्य करें।संविधान का पालन करना हमारा कर्तव्य है। चेम्बर की छवि को भी बनाये रखना हम सब व्यापारियों की है।