बिलासपुर । शुक्रवार शाम दो गांव के छात्रों के गुटों के बीच मारपीट हो गई। लड़कों ने स्टंप, लाठी, लोहे की चेन से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इसके बाद दूसरे गांव के छात्र अपनी जान बचाकर भाग निकले। छात्रों ने इसकी शिकायत कोटा थाने में की है। आरोप लगाया है कि घटना के दौरान स्कूल के प्राचार्य समेत शिक्षक तमाशबीन बने रहे। उन्होंने बीच-बचाव का प्रयास भी नहीं किया। छात्रों ने प्रिंसिपल पर जातिगत भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है। जानकारी के मुताबिक, कोटा के ग्राम इमलीपारा निवासी छात्र प्रकाश करगीकला में पढ़ता है। करगीकला के छात्रों के एक गुट से उसका बीते कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। प्रकाश ने इसकी जानकारी स्कूल के प्राचार्य अश्वनी पांडेय को भी दी थी।
आरोप है कि इसके बाद भी प्राचार्य ने कोई कदम नहीं उठाया। विवाद बढ़ने के बाद शुक्रवार को स्कूल में छात्रों की बैठक रखी गई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। छात्रों का आरोप है कि हमारा पक्ष तक नहीं सुना गया। बैठक के बाद सभी छात्र स्कूल से बाहर निकले। इस दौरान पहले से ही साइकिल की चेन, क्रिकेट बैट, स्टंप और लाठी लेकर तैयार बैठे युवकों ने उन पर हमला कर दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने पहले भी करगीकला गांव के छात्रों का पक्ष लिया था। घायल छात्रों ने बताया कि प्रिंसिपल एक विशेष जाति वर्ग का हमेशा सपोर्ट करते है और हमारे साथ जातिगत भेदभाव करते है। जिसकी वजह से गांव के छात्रों का हौसला बुलंद था। इसलिए उन्होंने हमारे ऊपर हमला कर दिया। घायल छात्र जब अपने गांव इमलीपारा पहुंचे तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। गांव में बैठक बुलाई गई। इसके बाद इमलीपारा के ग्रामीण बड़ी संख्या में कोटा थाने पहुंच गए। वहां घायल छात्रों के साथ ग्रामीणों को गुस्से मे देख पुलिस ने शांत कराया। इसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।