जांजगीर-चांपा । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केबिनेट ने 20 जुलाई को राज्य में मछली पालन को कृषि का दर्जा देने का बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से मछुआरों को मत्स्य पालन के लिए किसानों के समान ब्याज रहित ऋण सुविधा मिलने के साथ जल कर और विद्युत शुल्क में भी छुट का लाभ मिलेगा। जिले में मछली पालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही 6,500 मत्स्य किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। राज्य में मछुआरों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नवीन मछली पालन नीति तैयार की जा रही है। इसका फायदा मछुआ जाति के लोगों और मछुआ सहकारी समिति को मिलेगा।
मछली पालन में जुटे मछुआरों को सहकारी समितियों से ऋण एवं अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी। मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े जिले के साढ़े छः हजार मत्स्य पालक विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। जिले के 7,397 तालाबों और 86 जलाशयों में मत्स्य पालन किया जा रहा है तो हजारों लोगों की आजीविका का साधन बना हुआ है। जिले में कृषि के साथ-साथ तालाबों और जलाशयों में बड़ी संख्या में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जिले के 7,682 ग्रामीण तालाब जिनका जलक्षेत्र 10442.00 हेक्टेयर है, जिसमें से 7397 ग्रामीण तालाब (जलक्षेत्र 10306.00 हेक्टेयर) में मछली पालन किया जा रहा है। जिले में सिंचाई जलाशय 86 (जलक्षेत्र 1659 हेक्टेयर) में मत्स्य पालन का कार्य भी किया जा रहा है। मछली बीज उत्पादन एवं संचयन के लिए जिले में 03 हैचरी एवं 06 शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र स्थापित है। शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्रों से मत्स्य पालकों को रियायती शासकीय दर पर मत्स्य बीज उपलब्ध कराई जाती है।