रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने झीरम घाटी हमले की जांच के लिए दो सदस्यीय नया आयोग गठित कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सतीश अग्निहोत्री आयोग के अध्यक्ष और जस्टिस जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे। आयोग 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। जांच के दौरान आयोग तकनीकी विषय अथवा बिंदुओं पर किसी संस्था विशेषज्ञ की सहायता ले सकेगा।
नए आयोग के गठन की अधिसूचना में कहा गया है कि बस्तर के थाना दरभा अंतर्गत झीरमघाटी क्षेत्र में 25 मई 2013 को घटित नक्सलियों द्वारा हिंसात्मक घटना के संबंध में एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। विभागीय अधिसूचना 21 जनवरी 2019 को जांच के लिए अतिरिक्त बिंदू को शामिल किया गया था। जांच आयोग के सचिव द्वारा 23 सितंबर 2021 को अवगत कराया गया था कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए समय वृद्धि किया जाए। न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल 30 सितंबर 2021 को समाप्त हो चुका है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा स्थानांतरित होकर मुख्य न्यायाधीश आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में पदभार ग्रहण कर चुके हैं, इसलिए राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग में दो नए सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के अतिरिक्त यह आयोग तीन नए बिंदुओं की जांच करेगा। इसमें पहला बिंदु है, क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। दूसरा, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे। तीसरे में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करें। इस आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश हुआ है।