रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया है कि झीरम कांड की रिपोर्ट जो राज्यपाल को सौंपी गई थी उसे प्रदेश सरकार सार्वजनिक नहीं करेगी। यह बयान खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट पर शुक्रवार की रात को दिया। वह दिल्ली से कांग्रेस की प्रमुख नेता सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद लौटे थे। उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए साफ तौर पर कहा कि हम उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे। क्योंकि वह रिपोर्ट अधूरी है, आखिर किस तथ्य को हम मानेंगे। जिन दो नए सदस्यों की टीम फिर से बनाई गई है वो अधूरी रिपोर्ट को पूरा करेगी और जांच को भी।झीरम कांड रिपोर्ट को लेकर आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि तब रमन सिंह की सरकार ने आयोग बनाया था। 20 बार जांच का समय बढ़ाया गया।
जून के महीने में आयोग के सचिव ने बताया था कि जांच पूरी नहीं हुई है। इसके कुछ दिनों बाद उनका ट्रांसफर हो गया, फिर वही रिपोर्ट राजभवन को दिए जाने की खबर मीडिया के जरिए हमें मिली। अब मेरे कार्यालय के अफसरों ने बताया है कि राजभवन से वह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। तब आयोग के सचिव ने बताया था कि जांच अधूरी है और उनका ट्रांसफर हो गया, इसलिए हमने 2 सदस्यों की टीम फिर से बनाई है जो इस अधूरी जांच को आगे पूरा करेगी। इसके लिए हमने विधि विभाग से सलाह भी ली और वैध विकल्प के आधार पर ही यह फैसला लिया गया। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रायपुर एयरपोर्ट पर भूपेश बघेल चेहरे पर मुस्कान लेकर लौटे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि करीब 40 मिनट तक सोनिया गांधी के साथ उनकी मुलाकात हुई। दोनों एक ही कमरे में बैठकर चर्चा कर रहे थे।
CM बघेल ने कहा कि यह मुलाकात बेहद अच्छी रही। मैंने सोनिया जी से मिलने का समय मांगा था। मगर कोविड की वजह से तब मुलाकात नहीं हो पाई थी। यह एक सौजन्य भेंट थी। इस मुलाकात के दौरान प्रदेश और देश की तमाम राजनीतिक परिस्थितियों पर भी बातचीत हुई। क्योंकि मुझे यूपी का इलेक्शन ऑब्जर्वर बनाया गया है इसलिए प्रियंका गांधी से भी संगठन के कामकाज को लेकर बात हुई। यूपी में उनके नेतृत्व पर लोग विश्वास जता रहे हैं।कांग्रेस ने झीरम कांड की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने को गलत बताया था। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि रिपोर्ट में मौजूद तथ्यों की वजह से कांग्रेस डर गई है और इसीलिए रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। अब इस बहस पर विराम लग गया है, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कह दिया है कि वह रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेंगे। झीरम घटनाक्रम की जांच को लेकर बनाए गए आयोग में 2 नए सदस्य शामिल किए गए हैं उनकी जांच के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि आखिर इस रिपोर्ट में है क्या?