रायपुर। अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में बाल सुरक्षा पर आधारित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे टोल फ्री चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1800-123-6010 की शुरूआत की गई। इस अवसर पर बाल अपराध संबंधी मार्गदर्शिका पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में विधिविरुद्ध संघर्षरत बालक एवं बाल विवाह पर आधारित 6 ऑनलाईन ट्रेनिंग मॉड्यूल को तैयार किया गया साथ ही बाल सुरक्षा पर आधारित 9 वीडियो भी तैयार किये गए । कार्यक्रम के दौरान बाल सुरक्षा की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागी के रूप में स्कूली छात्र-छात्राएं विशेष रूप से उपस्थित रहे । कार्यक्रम में एससीपीसीआर चेयरपर्सन श्रीमती तेज कुंवर नेताम, डीआईजी श्रीमती हिमानी खन्ना, एआईजी श्रीमती मिलना कुर्रे, एआईजी श्रीमती पूजा अग्रवाल, यूनिसेफ की ऑफीसर इन चार्ज स्वेता पटनायक, अकेडमीसियन भवानी राव उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण करते हुए अभिभावकों व नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से बाल दिवस के उपलक्ष्य पर अभिव्यक्ति
कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेशव्यापी बाल सुरक्षा सप्ताह
प्रारंभ किया गया है। इस अवसर पर बच्चों हेतु ड्राइंग एवम पेंटिंग कम्पटीशन भी आयोजित किया गया ।
बाल सुरक्षा सप्ताह का सफलतापूर्वक संचालन के लिए प्रत्येक जिले में एक राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है एवं 4 से 5 सदस्यीय पुलिस टीम का गठन किया गया है। उक्त टीम के उपयोग हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा बाल सुरक्षा एवं संरक्षण पर आधारित विभिन्न विषयों के पॉम्पलेट एवं पोस्टर तैयार कर समस्त जिलों को उपलब्ध कराये गये है। इसी प्रकार जिले की पुलिस टीम द्वारा प्रत्येक दिवस की जाने वाली कार्यवाहियों के संबंध में एक दैनिक कार्ययोजना तैयार किया गया है, जिसके अनुरूप यह जगरूकता संदेश जन-जन तक पहुंचाया जावेगा।
बाल सुरक्षा अभियान के दौरान समाज में व्याप्त बालश्रम व बाल भिक्षावृत्ति के विरूद्ध सघन अभियान चलाया जाएगा एवं इसके शिकार हुए बच्चों का रेस्क्यू करते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण पर प्रारंभ किया जा रहा यह जागरूकता सप्ताह एक सामाजिक कार्यक्रम है, जिसमें सभी संबंधित हितधारक शासकीय/गैर शासकीय संस्थाओं का सहयोग लिया जावेगा। इसके अलावा जिला स्तर पर गठित टीम के साथ वहाँ के स्थानीय प्रतिष्ठित लोगों जैसे डॉक्टर, अधिवक्ता, शिक्षाविद, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, समाज सेविका आदि को भी जोड़ा जावेगा। बच्चों के मन से पुलिस के प्रति भय को दूर करने हेतु स्कूल/कॉलेज के छात्र-छात्राओं को थाना/चौकी का भ्रमण कराया जावेगा। यह जागरूकता कार्यक्रम स्कूल/कालेज, मॉल, बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन, मेला-मड़ई, हॉट-बाजार, आवासीय एवं व्यवसायिक परिसर पर आयोजित किया जाएगा। साथ ही राज्य में संचालित विभिन्न बाल देखरेख संस्थानों में भी जाकर वहाँ निवासरत बच्चों को जागरूक किया जावेगा।