दंतेवाड़ा । दंतेवाड़ा जिला जहां लोग दुर्गम पहुंच विहीन क्षेत्रो में निवास करते हैं ,वहीं शासन की योजनाओं को हर घर तक पहुंचाया जा रहा है। जिले में विभिन्न कार्यक्रम चलाकर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण जनों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में मोबाईल मेडिकल यूनिट, मुख्यमंत्री हाटबाज़ार क्लीनिक योजना, सुगम स्वास्थ्य दंतेवाड़ा, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, हेल्थ कॉल सेंटर से ग्रामवासियों को सुविधाएं दी जा रही हैं। जिले में मोबाइल मेडिकल यूनिट के तहत अति दुर्गम एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों तक पहुंचकर लोंगो को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं ।
मरीजों को त्वरित स्वास्थ्य जाँच एवं उपचार की सुविधा मिल रही है।अब तक इस यूनिट के तहत 8 हजार 735 मरीजों को लाभान्वित किया जा चुका है। हाटबाज़ार में पहले लोग अपने सामानों की खरीदी बिक्री के लिए ही आते थे,वही अब मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक की व्यवस्था हो जाने से वे अपने स्वास्थ्य की जाँच भी करा लेते हैं। जिले में 19 हाटबाज़ार संचालित हैं ,कुछ हाटबाज़ार ऐसे भी हैं जो अति संवेदनशील एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में लगाये जाते हैं। इन बाज़ारों में सभी आयु वर्ग के लोग मौजूद होते हैं। जिले में अधिकांश लोग पहुंच विहीन क्षेत्रों में निवासरत है इन कारणों से स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होते हैं ऐसे में हाटबाज़ार ही एक ऐसा स्थल होता है ,जहां अंदरूनी क्षेत्रों से ग्रामीण आते हैं। इसी वजह से ऐसे क्षेत्रों में मुख्यमंत्री हाटबाज़ार क्लिनिक योजना के संचालन से स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री हाटबाज़ार क्लीनिक योजना में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, लैब जांच जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर अब तक 60 हजार 864 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। जिला चिकित्सालय में सी.टी. स्केन, मॉड्यूलर ऑपेरशन थियेटर, 16 बिस्तर का सर्व सुविधायुक्त आईसीयू का संचालन किया जा रहा है, जिसमें अब तक 310 लोगों का उपचार किया गया है। सुगम स्वास्थ्य दंतेवाड़ा से जिले के दूरस्थ क्षेत्र जहाँ मोबाईल नेटवर्क नही होने के कारण आपातकालीन स्थिती में समय पर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध नही हो पाती थी। अब निजी वाहनो के मालिकों से अनुबंध कर सुगम स्वास्थ्य दंतेवाड़ा योजना का शुभारम्भ किया गया। इस योजना से एक तरफ जहां वाहन मालिकों को रोजगार मिला है, वहीं दूसरी तरफ लोंगो को सही समय पर उपचार मिलना संभव हो पाया है।
अस्पताल तक मरीजों को लाने के एवज में उन्हें किराया भी दिया जाता है। अब तक 68 हजार 700 रुपये वाहन मालिकों को भुगतान राशि दी गयी है। मलेरिया मुक्त दंतेवाड़ा अभियान के चार चरण पूरे हो गए है। जिसमे अब तक जिले में मलेरिया के प्रकोप से अधिक से अधिक लोगों को नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से जागरूक कर इस अभियान को सफलता दिलाने में मदद मिली है। मितानिनों के द्वारा रक्त जांच कर उनसे बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। जिससे मलेरिया के मरीजों में गिरावट आई है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। जिससे मरीजों को मुफ्त उपचार की सुविधा दी जाती है। अब तक 1लाख 5 हजार 609 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है। शेष हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है।जिले में हेल्थ कॉल सेंटर का संचालन मातृ एवं शिशु दर में कमी लाने व संस्थागत प्रसव कराने हेतु प्रारंभ किया गया है। इसमे संभावित प्रसव हितग्राहियों की सूची से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के 15 दिवस पूर्व मोबाईल के माध्यम से संस्थागत प्रसव कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। जिन हितग्राही के पास मोबाईल उपलब्ध नहीं है। ऐसे हितग्राही के ग्राम में कार्यरत पंचायत सचिव व सरपंच को उक्त संबंध में जानकारी उपलब्ध करा कर हितग्राहियों को स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव कराने के लिए सूचित व प्रोत्साहित किया जा रहा है। दन्तेवाडा जिला दूरस्थ एवं आदिवासी बहुल्य क्षेत्र होने के कारण एएनएम द्वारा स्थानीय बोली या भाषा में कॉल सेंटर के माध्यम से संस्थागत प्रसव के फायदे एवं स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुँचाने के लिए शासकीय एम्बुलेंस/सुगम स्वास्थ्य योजना (अनुबंधित वाहन) एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी जाती है।
अब तक 10 हजार 231 गर्भवती माताओं को कॉल के माध्यम से संस्थागत प्रसव हेतु प्रोत्साहित किया गया है। जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने एवं प्रसव के दौरान माता एवं शिशु को होने वाले स्वास्थ्य संबंधित खतरा को कम करने हेतु जिले के 5 स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसव पूर्व प्रतिक्षागृह का संचालन किया गया है। हेल्थ कॉल सेंटर के माध्यम से प्रोत्साहित कर एवं ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहाँ बिजली व पानी के सुविधा के अभाव में संस्थागत प्रसव की सुविधा नहीं है तथा ऐसे क्षेत्र जहाँ पर आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेस सुविधा तत्काल उपलब्ध नहीं होते है। ऐसे क्षेत्रों के गर्भवती महिलाओं को संभावित प्रसव के 7 दिवस पूर्व संस्था में भर्ती कर चिकित्सक के निगरानी में संस्थागत प्रसव कराया जा रहा है।