दुर्ग । खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने दुर्ग में झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक सील किया है। झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को एक्सपायरी ऐलोपैथिक दवाएं देकर उन्हें मौत के मुंह में ढकेल रहा था। टीम ने डॉक्टर के क्लीनिक मेडिकल डिवाइस, फिजीशियन सैंपल और भारी मात्रा में सिरिंज व इंजेक्शन जब्त किया है। अधिकारियों ने जब डॉक्टर से क्लीनिक चलाने का सर्टिफिकेट मांगा तो वह पेश नहीं कर सका। इसके बाद टीम ने डॉक्टर के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई की। दुर्ग कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे को दुर्ग जिले के धमधा व अहिरवारा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गलत दवा कर लोगों को और बीमार करने की शिकायत मिल रही थी। इस पर उन्होंने जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निरीक्षक ब्रजराज सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कराई और छापामार कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ब्रजराज सिंह शुक्रवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन की निरीक्षक गायत्री पटेल, आस्था वर्मा, विभोर लाल, मेडेसरा पीएचसी चिकित्सा अधिकारी रविन्द्र वर्मा और अहिवारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी को लेकर छापा मारने की रणनीति तैयार की। टीम ने धमधा अहिवारा मुख्य मार्ग में संचालित अमित कुमार के क्लीनिक में छापा मारा। अमित कुमार बिना किसी वैध मेडिकल डिग्री के क्लीनिक का संचालन कर रहा था। उसके क्लीनिक में भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयों के साथ ही कई ऐसे मेडिकल इक्विपमेंट मिले जिसका उपयोग एमबीबीएस या एमडी स्तर का डॉक्टर ही कर सकता था।
क्लीनिक में भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं मिली। क्लीनिक को नर्सिंग एक्ट के तहत तत्काल बंद कराया गया। जांच के लिए दवाइयों का सैंपल लिया गया है। इसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। जांच करने पर पता चला कि अमित कुमार पिछले सात सालों से दुकान चला रहा था। उसके गलत इलाज कई लोगों की जान भी जाते-जाते बची है। वह सामान्य रोगों के उपचार के लिए इंजेक्शन लगाता था, जिसके लिए वह पात्र नहीं था। जब उससे औषधि अनुज्ञप्ति तथा पंजीकृत चिकित्सक होने के दस्तावेज मांगा गया तो वह उसे प्रस्तुत नहीं कर सका।