रायपुर। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के छत्तीसगढ़ महिलाओं और बच्चों के खान पान पर विशेष बल दिया जा रहा है । गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है इसी कड़ी में विलासपुर जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तृतीय चरण में 3 वर्ष से 6 वर्ष उम्र के 18 हजार 630 बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखते हुए उन्हें पौष्टिक लड्डू प्रदान किया जा रहा है। योजना के सफल संचालन के फलस्वरूप माह नवम्बर 2021 तक डेढ़ हजार कुपोषित बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए थे।
उल्लेखनीय है कि 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण तथा एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष तक महिला को एनिमिया से मुक्त कराने हेतु प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2 अक्टूबर 1919 से प्रारंभ किया गया था। बिलासपुर जिले में योजना के प्रथम चरण में 26 हजार 816 बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने का लक्ष्य रखा गया था। मार्च 2020 तक 3 हजार 865 कुपोषित बच्चे सामान्य श्रेणी में लाये गये। इस तरह प्रथम चरण में 14.41 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए।
योजना के द्वितीय चरण में 19 हजार 602 बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखते हुए सभी बच्चों को पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त सप्ताह में तीन दिन पौष्टिक लड्डू प्रदान किया गया। मार्च 2021 की स्थिति में 3 हजार 676 बच्चे सामान्य श्रेणी में लाये गये। इस तरह द्वितीय चरण में 18.75 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए। अभियान का तृतीय चरण माह अगस्त 2021 से प्रारंभ किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् 3 से 6 वर्ष से कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण के अतिरिक्त सप्ताह में तीन दिन पौष्टिक लड्डू एवं सभी शिशुवती माताओं को गर्म भोजन आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदाय किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलतेे शासन के निर्देशानुसार बच्चों को पौष्टिक लड्डू प्रदान करने के लिए टेक टू होम व्यवस्था की गई है। शिशुवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदाय किये जाने वाला गर्म भोजन उन्हें टिफीन में प्रदाय किया जा रहा है।