बलरामपुर 24 मई 2021
’’बगैर काम कर घर ले बाहर मत जावा, अपन हाथ ला साबुन से बार-बार धोयेक है। नाक, मुंह, आंख ल नई छुयेक है, मास्क ला ठीक से नाक, मुंह ला ढंक के पहिना, कोरोना के दोनों टीका लगवाये से कोरोना होये के खतरा कम हो जाथे“। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के गली-मोहल्लों और दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में आजकल ये आवाजें लगातार सुनने को मिल रही है। स्थानीय सरगुजिहा बोली में कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रशासन का प्रयास कारगर सिद्ध हो रहा है। शहरों से ग्रामीण इलाकों की ओर संक्रमण के प्रसार को देखते हुए प्रशासन ने सराहनीय पहल की है जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है।
भाषा और बोली संप्रेषण के सशक्त माध्यम है, जब किसी को उसी की भाषा या बोली में कोई बात समझाई जाती है तो भावनात्मक जुड़ाव होने के कारण वह अधिक प्रभावी होता है। लोग उसे आसानी से समझ और उस पर अमल कर पाते हैं। कोरोना की इस संकटमय परिस्थिति में जनजागरूकता बहुत जरूरी है, इसलिए जिला प्रशासन द्वारा हिंदी के साथ-साथ स्थानीय सरगुजिहा बोली में लोगों को कोरोना से बचाव की जानकारी दी जा रही है। प्रशासन द्वारा कोविड नियंत्रण के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं, इसी कड़ी में स्थानीय भाषा में जनजागरूकता को प्राथमिकता दी गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला इकाई द्वारा कोविड से बचाव व टीकाकरण तथा इसके लाभ की जानकारी हिंदी व सरगुजिहा में तैयार किया गया है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति के सयुंक्त प्रयास से दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में कोटवारों और लाउडस्पीकर वाले वाहनों के माध्यम से स्थानीय सरगुजिहा बोली में कोरोना से बचाव तथा वैक्सीनेशन के बारे बताया जा रहा है। गांवों की तरफ कोरोना के प्रसार को देखते हुए महामारी के रोकथाम व प्रबंधन में यह कदम प्रभावी सिद्ध हो रहा है। जिले में सरगुजिहा बोली प्रचलन में है, ऐसे में भाषाई स्तर पर की गई यह पहल महामारी से लड़ने में कारगर होगा। जिले के समस्त जनपद पंचायतों में लाउडस्पीकर तथा कोटवार के माध्यम से स्थानीय बोली में लोगों को जानकारी दी जा रही है, जिससे लोग कोरोना से बचाव के उपायों को अमल में ला रहे हैं तथा वैक्सीनेशन के लिए भी उनमें जागरूकता आई है।
समाचार क्रमांक 378/2021
Source: http://dprcg.gov.in/