बेमेतरा । जिला बेमेतरा में उपलब्ध जल संसाधन की दृष्टि से मछली पालन एक विशिष्ट पहचान रखता है। जिले की जलवायु एवं भौतिक स्थितियां भी मछली पालन हेतु उपयुक्त है। जिले के अस्तित्व में आने के पश्चात् जिले में तालाब निर्माण होने से जलक्षेत्र में उत्तरोत्तर वृध्दि हुई है। जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम करही निवासी किशोर राठी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत तालाब निर्माण कर मछली पालन कर रहे है। तालाब निर्माण से जलक्षेत्र में वृद्धि होने से मत्स्य बीज की मांग बढ़ गई है।
मत्स्य बीज उत्पादन हेतु किशोर ने बताया कि उन्होने मछली पालन विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर मत्स्य बीज संवर्धन का कार्य प्रारंभ किया। नील क्रान्ति योजना अंतर्गत स्वयं की भूमि में 09 संवर्धन पोखर/नर्सरी रकबा 2.41, का निर्माण स्वयं के व्यय से किया। मछली पालन विभाग बेमेतरा से नर्सरी निर्माण पश्चात् 6 लाख 74 हजार 800 रू. अनुदान राशि स्वीकृत किया गया। माह जुलाई-अगस्त में स्पॉन संवर्धन कर 50 लाख फ्राई एवं 30 लाख फिंगरलिंग मत्स्य बीज का उत्पादन किया। रू. 12 लाख का मत्स्य बीज विक्रय किया गया। मत्स्य विक्रय से 7 लाख 50 हजार का शुद्ध आय प्राप्त हुआ।