डबरी बना कृषक धर्मराज के आजीविका का स्त्रोत
डबरी बना कृषक धर्मराज के आजीविका का स्त्रोत

महासमुंद । महासमुन्द जिले के बसना जनपद पंचायत के गढ़पटनी ग्राम पंचायत निवासी धर्मराज पटेल के जीवन में परिवर्तन हुआ है। ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव‘‘ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से उन्हें पिछले वर्ष मनरेगा के तहत् उनकी भूमि पर निजी डबरी बनने के बाद धर्मराज पटेल को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका मिला। इसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। इससे पहले वे अपनी जमीन पर केवल धान की खेती करते थे। किंतु मनरेगा के तहत् खेत में डबरी बनने के बाद उन्होंने डबरी में मछली पालन का व्यवसाय किया।

कृषक श्री धर्मराज ने खुशी जताते हुए बताया कि डबरी में कोतली और ग्रास कार मछली का पालन किया जा रहा है, जिससे भविष्य में आय के अवसर खुल जायेंगे। चूंकि यह इलाका पड़ोसी राज्य ओड़िशा से लगा हुआ है जहां मछली की खपत ज्यादा है। इसके साथ-साथ उन्होंने डबरी के पास ही सब्जी लगाने लगा तथा डबरी के मेड़ पर नारियल, आम, अंजीर, चीकू, अरहर, कटहल, खीरा की खेती भी करने लगा। जब से डबरी खनन हुआ है तब से उनके द्वारा बाजार से बहुत कम सब्जी की खरीदी जाती है। केमिकल वाली सब्जी से छुटकारा पाने के लिए उनके द्वारा डबरी के मेड़ के किनारे स्वयं के लिए जैविक सब्जी का भी उत्पादन कर रहें हैं। डबरी बनने से पहले पानी की समस्या आती थी, परन्तु अब फसल उत्पादन हेतु पानी की समस्या दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि जो मुनाफा हुआ है, उससे उनका जीवन स्तर में बहुत सुधार आया है। इस प्रकार मनरेगा डबरी से उनके अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है। अब उन्होंने डबरी में उच्च क्वालिटी की मछली उत्पादन करने की बात कही है।

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