महासमुन्द । अस्थिबाधित दिव्यांग श्री नारायण निषाद मोटराईज्ड ट्रायसायकल मिलने से बहुत खुश है। वे जन्म से ही अस्थिबाधित दिव्यांग है। उनकी उम्र अभी 35 वर्ष है। वे इस मुश्किल भरी राह में अपने आजीविका के लिए सड़क किनारे बच्चों के खिलौनें, टेडीबियर आदि बेचने का काम करते है। किंतु दिव्यांगता के कारण उन्हें काम में आने-जाने में बहुत परेशानी होती थी। उन्होंने समाज कल्याण विभाग में मोटराईज्ड सायकल के लिए आवेदन किया। निषाद बताया कि आवेदन के बाद 27 अगस्त को दिव्यांगजन प्रामणीकरण, नवीनीकरण एवं सेवा सुविधा शिविर में उन्हें मोटराईज्ड ट्रायसायकल प्रदान किया गया। उप संचालक समाज कल्याण श्रीमती संगीता सिंह ने अस्थिबाधित दिव्यांग श्री नारायण निषाद को निःशुल्क उपकरण वितरण योजना के तहत सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम छुईपाली में लगाए गए दिव्यांगजन प्रमाणीकरण, नवीनीकरण एवं सेवा सुविधा शिविर में मोटराईज्ड ट्रायसायकल प्रदान किया गया। इससे उनकी जिन्दगी में बहुत ही बदलाव आ गया है।
अब वह अपने रोजमर्रा के कार्य के लिए आसानी से आवाजाही कर रहे है तथा अपने परिवार का भरण-पोषण में भी उन्हें कोई दिक़्क़त नही हो रही । दूसरों पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ता। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग को धन्यवाद कहा। दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए राज्य और केन्द्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित है। एक समावेशी और सक्षम वातावरण की कल्पना करके दिव्यांगजनों को अधिक हक और अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार के द्वारा समग्र विकास के लिए दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है। दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण भी मिला है। जिन लाभार्थियों की पहचान की गयी थी,लेकिन कोविड 19 महामारी के कारण वे अपने सहायता एवं सहायक उपकरण नहीं पा सके थे, अब वो इन्हें पा सकेंगे जो कि उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने में मदद करेंगे। श्री संगीता ने कहा कि विभाग दिव्यांगजनों के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण की दिशा में शासन की सोच को पूरा करेगा।