रायपुर । अभनपुर थाने के बाहर FIR की मांग को लेकर धरने पर बैठे सहायक आरक्षकों के परिजन।
राजधानी रायपुर में पिछले तीन दिनों से चल रहे पुलिस परिवार के आंदोलन से सरकार जरूर थोड़ा नर्म पड़ी है, लेकिन अब आंदोलनकारी नए मूड में आ गए हैं। प्रदर्शन के दौरान मारपीट से आहत परिजनों का गुस्सा अब अफसरों पर है। वह दोषी अफसरों पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर बुधवार को पुलिस परिवार की तमाम महिलाएं अभनपुर थाने का घेराव करने निकलीं। वहां अंदर नहीं जाने दिया गया तो बाहर धरना दे रही हैं। सुबह से ही सहायक आरक्षकों के परिजन अभनपुर स्थित सामुदायिक केंद्र में एकत्र हो गए थे। अन्य परिवारों को जोड़ने के लिए उन्होंने वीडियो बनाकर भी सर्कुलेट किए। इसके बाद सभी अभनपुर थाने में FIR दर्ज कराने के लिए निकल पड़ीं। हालांकि बीच में इन महिलाओं को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं मानीं। फिलहाल महिलाएं थाने के बाहर बैठी हैं और नारेबाजी कर रही हैं।
आरोप है कि पुलिस अफसरों ने उनके साथ मारपीट की है। अफसरों की यह ज्यादती है। नियमितीकरण, वेतन वृद्धि, समान सुविधाओं जैसी कई मांगों को लेकर पुलिस में सहायक आरक्षकों के परिवार से जुड़ी महिलाएं, बच्चे और पुरुष भी पिछले तीन दिन से राजधानी में हैं। पुलिस वालों के इन परिजनों ने 6 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय के घेराव की कोशिश की थी। रायपुर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिलाओं से धक्कामुक्की और मारपीट भी हुई थी। कई महिलाओं के कपड़े तक फट गए थे। इसके बाद उन्हें सप्रे स्कूल में बनी अस्थाई जेल में रखा गया। पुलिस परिवारों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है। ADG हिमांशु गुप्ता को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार सुबह इसके आदेश भी जारी कर दिए। वहीं पुलिस परिजनों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन मिला है। सरकार की ओर से जब तक नियत तारीख नहीं बता दी जाती, आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि कोरोना काल में ड्यूटी करते रहे, फिर भी एक दिन का वेतन काट लिया। जिन्होंने विरोध किया, उनको सस्पेंड कर दिया गया।