रायपुर । छत्तीसगढ़ में डेंगू का डंक खतरनाक होता जा रहा है। राजधानी रायपुर इसका हॉटस्पाट बना हुआ है। रोज डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। सोमवार को शहर में ही 3 नए मामले सामने आए। इसमें जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में रहने वाले एक रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा एक-एक मरीज आमापारा और तेलीबांधा क्षेत्र के हैं। इनमें से आमापारा निवासी महिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है। सभी की उम्र 30 से 36 के बीच है।
जिला मलेरिया अधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने राजेंद्र नगर वार्ड में डेंगू के रैपिड टेस्ट किट से 51 और शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 79 लोगों की जांच हुई। इनमें भी कोई डेंगू पॉजिटिव नहीं मिला है। एक जनवरी से 20 सितम्बर तक अकेले रायपुर में 404 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से कई मरीज अभी भी सरकारी-निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। कुछ कम गंभीर मरीज घरों में भी हैं। डॉक्टरों का कहना है, कम गंभीर मरीज 3 से 4 दिन में ठीक हो जा रहे हैं। राजधानी में डेंगू के कहर का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं, पिछले दो वर्षों में इतने मरीज किसी नहीं मिले थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 2019 में साल भर के दौरान कुल 100 लोगों में डेंगू मिला था। साल 2020 में एक जनवरी से 31 दिसम्बर डेंगू के 11 मरीज मिले थे।
इस साल सितम्बर का महीना पूरा होने से पहले ही 404 मरीज मिल चुके हैं।डेंगू की वजह से रायपुर में कम से कम चार मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन इसके लिए डेंगू को कारण नहीं मान रहा है। कुछ महीने पहले रामनगर निवासी 13 साल की एक बच्ची की मौत हुई थी। उसका एलाइजा टेस्ट भी पॉजिटिव था, लेकिन CMHO डॉ. मीरा बघेल ने कहा, वह लिवर की बीमारी से मरी। अगस्त में पेटल्स अस्पताल, और एमएमआई में भर्ती रहे तीन मरीजों की मौत हुई। परिजनों के मुताबिक आरडी किट की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। वहीं, CMHO का कहना है, उनकी एलाइजा जांच नहीं हुई थी, ऐसे में इन्हें डेंगू से मौत नहीं माना जाएगा।