मैदान की खेल भावना जीवनपर्यन्त काम आती है: मुख्यमंत्री
मैदान की खेल भावना जीवनपर्यन्त काम आती है: मुख्यमंत्री

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन

रायपुर

मैदान की खेल भावना
जीवनपर्यन्त काम आती है। वास्तविक जीवन में

मैदान की खेल भावना जीवनपर्यन्त काम आती है। वास्तविक जीवन में भी कई बार जीत-हार के पल आते हैं, लेकिन मैदान में सीखी गई खेल भावना जीवन में भी लागू करने पर आप कभी निराश नहीं होंगे और आगे बढ़ने का उत्साह बना रहेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बतौर मुख्य अतिथि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह के अवसर पर भावी पीढ़ी को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें कही। राजधानी रायपुर में 12 से 13 नवंबर तक दो दिवसीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ के पांचों संभाग रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा व दुर्ग से 1260 स्कूली प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संचालन के लिए दो सौ खेल प्रशिक्षक व अधिकारी सम्मिलित हुए। 

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भी कई बार जीत-हार के पल आते हैं, लेकिन मैदान में सीखी गई खेल

राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह की अध्यक्षता स्कूल शिक्षामंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि, छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार ने बहुत सारी योजनाओं की शुरुआत की, जिनकी चर्चा देश-विदेश तक में हुई। उन्हीं में से एक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की शुरुआत करने की योजना शामिल है, जिसे सभी ने सराहा है। मुझे खुशी है कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय समूह की ओर से पहली बार राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने नन्हें खिलाड़ियों से कहा कि, खेल में हार से दुख और जीत में आनंद तो आता है, लेकिन खेल मैदान में सीखी गई खेल भावना जीवन में हमें आगे ले जाती है. साथ ही नए परिचय का दायरा बढ़ता है और अलग-अलग क्षेत्र के साथियों से मिलकर नई चीजें हम सीखते हैं। खेल भावना असफलता से निराश न होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है।

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भावना जीवन में भी लागू करने पर आप कभी निराश नहीं होंगे और आगे बढ़ने का उत्साह बना रहेगा।

स्कूल शिक्षामंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि खेलकूद से बच्चों में ज्यादा खुशी होती है। प्रतियोगिता में बस्तर से लेकर सरगुजा संभाग तक के बच्चों ने अपने खेल का बेहतर ढंग से प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि, बच्चे अच्छे खेल के साथ बेहतर पढ़ाई भी करें। डॉ. टेकाम ने कहा कि, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का उद्देश्य राज्य के सभी वर्गों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई का माहौल देकर बेहतर अवसरों के लिए तैयार करना है। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री ए.एन. बंजारा ने प्रतिवेदन पढ़ा और बताया कि, राज्य सरकार द्वारा लोक कला व लोक-खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में इस आयोजन में फुगड़ी को भी शामिल किया गया।

अतिथियों द्वारा प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान किया गया, जिसमें रायपुर संभाग की टीम ओवरऑल चैम्पियन रही। मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक लिए व खेल सामग्री के साथ आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति का आनंद लिया। इस मौके पर सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. कमलप्रीत सिंह और अन्य विभागीय विशेष रूप से मौजूद थे।

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