रागी से वनांचल की महिलाओं को मिला आमदनी का नया जरिया
रागी से वनांचल की महिलाओं को मिला आमदनी का नया जरिया

रायपुर । वनांचल के ग्राम गेदरा निवासी श्रीमती शीला बाई ने रागी को बेचकर काफी उत्साहित नजर आयी। यह संभव हो पाया राज्य के वन क्षेत्रों के आसपास निवासरत वनवासियों के द्वारा परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा इस वर्ष से समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के निर्णय से। इस संबंध में वनमंडलाधिकारी धमतरी सुश्री सतोविशा समाजदार ने ग्राम गेदरा, तालपारा, केरेमुड़ा तथा कोलियारी का भ्रमण करते हुए बताया कि छोटे कृषक श्रीमती शीला बाई से 3.50 किलो ग्राम रागी की खरीदी कर धमतरी वनमंडल अंतर्गत कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी कार्य का शुभारंभ किया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण नीति से वनांचल के ग्रामीण तथा कृषक काफी उत्साहित हैं। उनके द्वारा मिलेट्स फसल के उत्पादन के प्रति भरपूर रूचि दिखायी जा रही है। सुश्री समाजदार ने बताया कि धमतरी वनमंडल अंतर्गत 18 प्राथमिक वनोपज समितियों के 90 ग्राम स्तर के महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कोदा, कुटकी तथा रागी की खरीदी के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए है। उल्लेखनीय है कि एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक चलने वाले इस खरीदी अभियान के तहत वनवासियों-किसानों से कोदो तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 30 रूपए प्रति किलोग्राम तथा रागी का समर्थन मूल्य 33.77 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। पिछले वर्षों के दौरान इन मिलेट फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होने के कारण कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों का उत्पादन धीरे-धीरे कम होते जा रहे थे। राज्य सरकार द्वारा इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए आदिवासी विकासखण्डों के अंतर्गत उत्पादित कोदो, कुटकी तथा रागी को इस वर्ष से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से क्रय करने का निर्णय लिया गया है।

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