रायपुर, 1 जून 2021
छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूलों में प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी का गठन, सामाजिक अंकेक्षण, शून्य निवेश नवाचार को प्रोत्साहन, विज्ञान के रोचक प्रयोग, माताओं का उन्मुखीकरण, शाला विकास योजना जैसे नवाचारों का आधार बना है चर्चा पत्र। इसके माध्यम से स्कूलों की व्यवस्था एवं शैक्षणिक गतिविधियों में बहुत सारे अभिनव बदलाव लाने में सफलता मिली है। शिक्षा गुणवत्ता अभियान और ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ जैसी योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न घटकों को समझाने के लिए चर्चा पत्र का बेहद उपयोगी साबित हुआ है। इसके अलावा अनेक ऐसे कार्य है, जिसे जमीनी स्तर पर लागू करने में चर्चा पत्र का महत्वपूर्ण रोल रहा है।
चर्चा पत्र के ही माध्यम से स्वच्छता सर्वे के सभी प्रश्नों को शिक्षकों के मध्य साझा करने और इसके लिए वातावरण का निर्माण तथा क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सका। जिसका परिणाम यह रहा कि राज्य को स्वच्छता संबंधी पुरस्कार भी हासिल हुए। इसी प्रकार इग्नाईट और इंस्पायर अवार्ड में सहभागिता एवं एक लाख से अधिक शिक्षकों द्वारा विभिन्न ऑनलाईन कोर्सेस को प्रोत्साहित करने में भी चर्चा पत्र का योगदान रहा।
राज्य में संकुल स्तर पर शिक्षकों को मासिक बैठक सह-प्रशिक्षण में उपस्थित होकर सतत् क्षमता विकास का प्रावधान किया गया है। विभिन्न संयुक्त रिव्यू मिशन द्वारा शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास पर जोर दिया गया है। शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा बड़ी संख्या में शिक्षकों को लंबी अवधि का प्रशिक्षण देना संभव नहीं हो पाता। इस कमी को दूर करने के लिए समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विगत 6 वर्षों से प्रतिमाह एक तारीख को चर्चा पत्र तैयार कर शिक्षकों को उपलब्ध करवाया जाता है। चर्चा पत्र को राज्य परियोजना कार्यालय में पेडागोजी शाखा द्वारा तैयार कर विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से पहले साझा किया जाता था। लेकिन अब इसे सीजीस्कूलडॉटइन वेबसाईट में आडियो वर्सन के साथ डाउनलोड कर पढ़ने हेतु उपलब्ध कराया जाने लगा है। इस पूरी प्रक्रिया में शून्य लागत आती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका प्रभाव बहुत अधिक है।
चर्चा पत्र में अकादमिक चर्चाओं के आयोजन के लिए कुल 10 एजेंडा उपलब्ध करवाएं जाते है और इन एजेंडा पर चर्चा कर स्कूलों में लागू करने के लिए स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर आपस में मिलकर तैयार किए जाते है। आमतौर पर मासिक बैठकें इस प्रकार रखी जाती है कि नियमित कक्षाएं कम से कम प्रभावित हो। मासिक बैठकों में लिए गए निर्णयानुसार शिक्षक अपनी-अपनी शालाओं में आवश्यक गतिविधियों का आयोजन करते है और उसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से साझा भी करते है। उदाहरण के तौर पर जब आग्मेंटेड रियालिटी की जानकारी दी गई, तब सैकड़ों शिक्षकों ने अपनी-अपनी कक्षा में इस टेक्नोजॉली का उपयोग कर कक्षा को रोचक बनाने का प्रयास किया।
क्रमांक-815/चतुर्वेदी
Source: http://dprcg.gov.in/