वर्ष 2006 में भिलाई इस्पात संयंत्र ने रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में खेल मेला का आयोजन किया था. यह आज भी हर वर्ष आयोजित किया जाता है. इस खेल मेला में प्राथमिक कक्षा से 12वी कक्षा तक के विद्यार्थियों को विभिन्न खेलों के लिये चयन कर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जो प्रतिभावान होते हैं उन्हें गोद भी लिया जाता है. इन छात्रों के लिए भोजन, आवास, शिक्षण – प्रशिक्षण का निःशुल्क व्यवस्था किया जाता है. यहाँ उनके बेहतर भविष्य के लिए खेल में आगे बढ़ने पर नौकरी के प्रावधान भी किया गया है.
रामकृष्ण मिशन आश्रम में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 60 से भी अधिक गांवों के बच्चे रहते हैं. जहाँ के बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेलों इण्डिया कार्यक्रम में भाग लेते हैं. कई बच्चे SGFI में भी खेल चुके हैं. एक समय ऐसा भी था जब ये बच्चे स्कूल और खेलों के बारे में नहीं जानते थे. आज ये बच्चे फुटबॉल, बैडमिंटन, खो – खो जैसे खेलों में गोल्ड, सिल्वर और कास्य पदक जीत कर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं.
बी. एस. पी. ने इस क्षेत्र का सूरत बदलने के लिए अपना सपष्ट ध्येय बना लिया है. खिलाडियों के लिए bsp प्रतिवर्ष 30 से 40 लाख रुपये खर्च करती है. आज इस क्षेत्र में 2000 से भी ज्यादा खिलाडी तैयार हैं. जिनमें 600 बेटियां हैं.
रामकृष्ण आश्रम नारायणपुर और भिलाई इस्पात संयंत्र के संयुक्त प्रयासों से क्षेत्र का तस्वीर बदलने लगा है. यह क्षेत्र नक्सलियों के दहशत से नहीं अब इन खिलाडियों के प्रतिभा से प्रसिद्ध हो रहा है.