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रायपुर । प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम के वातावरण निर्माण के लिए 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रातः 11 बजे से 12 बजे तक राज्य स्तरीय वेबीनार और दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय वेबीनार ‘डिजिटल लिटरेसी फॉर यूथ एण्ड एडल्ट’ विषय पर होगा। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक एवं सदस्य सचिव श्री डी. राहुल वेंकट ने सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन प्राधिकरण को इन दोनो वेबीनार में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा है।
 
    संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि जिला में साक्षरता सप्ताह 8 से 17 दिसम्बर का आयोजन कार्ययोजना अनुसार किया जाए। राष्ट्रीय महत्व के इस कार्यक्रम के लिए विशेष रणनीति तैयार कर सभी वर्गो की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक दिवस की गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साक्षरता सप्ताह के पूर्व तैयारी के लिए नारा लेखन, वाहनों एवं अन्य स्थानों पर साक्षरता लोगो लगाया जाए। जनसहयोग से होर्डिंग्स, बेनर, पोस्टर बनवाए जाएं। साक्षरता सप्ताह से पूर्व संबंधित कार्यक्रम की रूपरेखा 8 सितम्बर से पूर्व लोक साक्षरता केन्द्रों में अनिवार्य रूप से पहुंचा दी जाए। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के पहले दिन के समारोह में प्रभारी मंत्री या अन्य जनप्रतिनिधि को कार्यक्रम तिथि के पूर्व ही आमंत्रित किया जाए। साक्षरता रैली की तैयारी और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में जिला एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के प्राचार्यों एवं प्रधान पाठकों को पहले से ही अवगत करा दिया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी निकायों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित विभागों से लगातार संपर्क कर कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साक्षरता सप्ताह के आयोजन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की बैठक कर प्रत्येक दिवस के आयोजन के लिए नोडल अधिकारी को दायित्व सौंपा जाए।

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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितम्बर को जिला, विकासखण्ड, ग्राम पंचायत और ई-साक्षरता केन्द्रों के साथ ही शासकीय और अशासकीय शैक्षणिक एवं अन्य संस्थाओं में ध्वजारोहण कार्यक्रम किया जाए। प्रत्येक आयोजन में कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया जाए।     साक्षरता का सप्ताह के दूसरे दिन 11 सितम्बर को जिला, विकासखण्ड, ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय और वार्ड साक्षरता केन्द्र में प्रौढ़ों एवं युवाओं के लिए डिजिटल साक्षरता विषय पर साक्षरता संगोष्ठी का आयोजन किया जाए। तीसरे दिन 13 सितम्बर को साक्षरता पर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। इसमें विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन साक्षरता पर केन्द्रित क्वीज प्रतियोगिता, भाषण, वाद-विवाद, निबंध, चित्रकला, मेंहदी, रंगोली इत्यादि। इनका विषय पढ़व-बढ़व, साक्षरता बनके जिनगी ल गढ़। तभे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, साक्षरता ले होही नवा बिहान रखा जाए। इसमें विशेष रूप से छात्र-छात्राएं, शिक्षक, जनप्रतिनिधि और सभी विभागों के कर्मी व अन्य लोग भी शामिल हों। भाषण, वाद-विवाद, निबंध लेखन हिन्दी के साथ ही छत्तीसगढ़ी में भी प्रतिभागियों के इच्छानुसार किया जा सकता है।     साक्षरता सप्ताह के चौथे दिन 14 सितम्बर को साक्षरता पर पंचायती राज प्रतिनिधियों का विशेष साक्षरता सम्मेलन का आयोजन विकासखण्ड स्तर पर किया जाए, इसमें ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, जिला स्तर की पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि विशेषकर 60 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि अवश्य शामिल हों। इसमें विषय साक्षरता पर केन्द्रित विचार, गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा जाए। सम्मेलन में महिलाओं द्वारा तैयार खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता-स्थानीय स्तर पर ठेठरी, खुर्मी, पेपची, बोबरा, पीडिया, चीला, देहरोरी, फेनी, कुसली, ऐरसा, गुलगुला इत्यादि बनाए जा सकते हैं।     साक्षरता सप्ताह के 5वें दिन 15 सितम्बर को शिक्षार्थियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए, जिसमें विद्यार्थी चित्र देखो-लिखो कार्यक्रम (आखर झांपी एवं सेतु प्रवेशिका का उपयोग) किया जा सकता है। यह प्रतियोगिता ग्राम पंचायत स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं, परियोजना स्तर पर विशेष साक्षरता सम्मेलन किया जाए। कार्यक्रम को गरिमामय बनाने के लिए स्थानीय सीएसी, सरपंच, शिक्षकों, अनुदेशकों और स्थानीय लोक कलाकारों का सहयोग लिया जाए।     

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साक्षरता सप्ताह के 6वें दिन 16 सितम्बर को महिला साक्षरता पर केन्द्रित जागृति शिविर का आयोजन किया जाए। जिसमें महिला स्व-सहायता समूह, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला मंडल में महिलाओं से संबंधित स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की योजनाओं पर चर्चा की जाए। खेल-कूद प्रतियोगिता में खो-खो, कबड्डी, फुगड़ी, मटका फोड, रस्सा खींच, दौड़, सुई धागा दौड़, अपने नाम को एक मिनट से अधिक बार लिखना और कुर्सी दौड़ इत्यादि का आयोजन किया जा सकता है। गीत प्रतियोगिता में एकल गीत, समूह गीत, जसगीत, भोजली, ददरिया, कर्मा भड़ौनी, भजन-कीर्तन और रामायण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए। नृत्य प्रतियोगिता में कर्मा, पंथी, सुआ, राउत नाच एवं स्थानीय स्तर पर किए जाने वाले नृत्य एवं गीत का प्रदर्शन किया जाए। बस्तर एवं सरगुजा इत्यादि क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर किए जाने वाले नृत्य और गीतों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। कोरोना महामारी में सावधानी, कोरोना से बचाव-टीकाकरण, डेंगू, मलेरिया से बचाव व चर्चा की जाए। सभी ग्राम पंचायत और नगर के वार्डों में साक्षरता संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाए, जिसमें राज्य, जिला में साहित्यकार, रचनाकार, असाक्षरों, नवसाक्षरों, समतुल्यता शिक्षार्थियों से प्रौढ़ों एवं युवाओं के लिए डिजिटल साक्षरता विषय पर संवाद किया जाए। संध्याकाल में प्रत्येक विकासखण्ड से चयनित प्रतिभागियों, दलों की जिला स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए।  साक्षरता सप्ताह के 7वें दिन 17 सितम्बर को जिला स्तरीय एवं ग्राम पंचायत स्तरीय अक्षर सम्मान समारोह आयोजित किया जाए। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, निर्वाचित जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की उपस्थिति में जिला स्तरीय अक्षर सम्मान समारोह का आयोजन किया जाए। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेवी शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाए। यदि कोई व्यक्ति निरंतर असाक्षरों को निःशुल्क अध्यापन करा रहा हो तो उसे भी पुरस्कृत किया जाए। समारोह में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण, विकासखण्ड साक्षरता मिशन समिति के अध्यक्ष, सदस्यों के अलावा विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया जाए। ग्राम पंचायत स्तरीय अक्षर सम्मान समारोह जनप्रतिनिधियों के मुख्य आतिथ्य में ग्राम पंचायत में पूर्व के सफल नवसाक्षरों, स्वयंसेवी शिक्षकों का ग्राम पंचायत स्तर पर सम्मान किया जाए।

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