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    रायपुर, 2 जून 2021

 कोविड-19 के संक्रमण के कारण स्कूली शिक्षा के साथ-साथ मोहल्ला क्लास भी प्रभावित हुई। ऐसी विषम परिस्थिति में छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखना शिक्षकों के लिए एक नई चुनौती है, किन्तु स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ मिलकर विगत एक वष से हर चुनौती का सामना नए-नए नवाचारों और तकनीकों के माध्यम से कर रहा है। छात्रों को कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखकर शिक्षा से जोड़े रखने में सफल रहा है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा द्वारा शाला ग्राम को हर गांव-प्रिंटरिच गांव, हर वार्ड-प्रिंटरिच वार्ड बनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। इस प्रकार यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई कार्य कठिन नहीं होता। इस बात को सार्थक करने वाली हमारे नायक है मरवाही विकासखण्ड की शिक्षिका श्रीमती डीना टांडिया, जिनके द्वारा हर वो प्रयास किया जा रहा है, जो बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए आवश्यक है। 

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    शिक्षिका श्रीमती टांडिया ने चर्चा के दौरान ब्लॉक लेखिका अदिति शर्मा को बताया कि पिं्रटरिच वातावरण मांग करने की जानकारी मिलते ही इस कार्य को करने का ढृढ़ निश्चय कर तन्मयता से जुट गई। इसके लिए साथी शिक्षिका श्रीमती सुचिता उंराव के साथ मिलकर शाला ग्राम में पिं्रटरिच कार्य के लिए स्थल का चयन कर स्वयं शैक्षिक पिं्रट निर्माण करने का कार्य कर रही है। उनके द्वारा ककहरा, गिनती, अंग्रेजी, गणित, समान्य ज्ञान आदि से संबंधित विषयवस्तु का लेखन कार्य किया जा रहा है। श्रीमती टांडिया और उनकी साथी शिक्षिका श्रीमती उंराव के इस कार्य से न सिर्फ छात्र वरन समस्त ग्रामवासी भी लाभांन्वित हो रहे है। शिक्षिका की इस पहल से गांव में शैक्षिक वातावरण निर्मित हो रहा है। इनके द्वारा बनाये गए शैक्षिक प्रिंट इतने आकर्षक एवं सुन्दर है कि राहगीर भी रूककर इनके कार्य की प्रशंसा करते है। 

    कोविड-19 संक्रमण के कारण विद्यालय संचालन को स्थगित करते हुए ऑनलाईन क्लास संचालन के निर्देश पर श्रीमती टांडिया द्वारा सर्वप्रथम विद्यालय का व्हॉट्अप ग्रुप बनाकर छात्रों के अभिभावकों को जोड़ने का कार्य किया गया। वेबेक्स के माध्यम से ऑनलाईन क्लास प्रारंभ की। जिन छात्रों के अभिभवकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उन्हें अन्य छात्रों के माध्यम से ऑनलाईन क्लास में जुड़ने के लिए प्रेरित किया। 

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    मोहल्ला क्लास लिए जाने की सूचना मिलते ही श्रीमती टांडिया द्वारा कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए मोहल्ला क्लास लेना शुरू किया। मोहल्ला क्लास में लगभग 90 प्रतिशत छात्र जुड़ गए थे। मोहल्ला क्लास में छात्रों को जोड़े रखने और रूचि बनाए रखने के लिए श्रीमती टांडिया द्वारा सहायक शिक्षक सामग्री, खिलौना निर्माण, कहानी कथन और विभिन्न प्रकार की नवाचारी गतिविधियों का प्रयोग किया जाता रहा। श्रीमती टांडिया द्वारा बुल्टू के बोल एप्प के माध्यम से छात्रों को ऑडियो शैक्षणिक सामाग्रियों का वितरण कार्य भी किया गया। 

क्रमांकः 827/चतुर्वेदी  

Source: http://dprcg.gov.in/