रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार की नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 के अर्न्तगत कोर सेक्टर के मेगा उद्योगों को सहायता देने के लिए राज्य में ष्ठमेचवाम चवसपबलष् लागू की गई है। राज्य शासन द्वारा एक जून 2020 को लागू नए नियम के तहत राज्य में उपार्जित किए जा रहे धान में से राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता के उपरान्त शेष बचे धान के उपयोग करने के लिए बायो एथनॉल उत्पादन इकाईयों की स्थापना हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है। इस पैकेज में औद्योगिक नीति 2019-24 के बिन्दु अनुसार 100 करोड़ रूपये से अधिक निवेश करने वाली एथेनॉल उत्पादक इकाईयों को ठमेचवाम चवसपबल के तहत विशेष सुविधा दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य की नवीन उद्योग नीति से उत्साहित होकर अभी तक 15 इकाईयों द्वारा एमओयू निष्पादित किया जा चुका है, जिनमें लगभग 2780.20 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश एवं 1823 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होना प्रस्तावित है। इन इकाईयों में समग्र रूप से कुल 2370 किलोलीटर पर-डे एथेनॉल ़ एस्ट्रा न्यूट्रल एलकोहल उत्पादत होना प्रस्तावित है। एमओयू निष्पादित इकाईयां राज्य के मुंगेली जिले में-3, जांजगीर-चांपा जिले में-1, महासमंुद जिले में-2, बेमेतरा जिले में-2, रायपुर जिले में-2, बलौदाबाजार जिले में-1, दुर्ग जिले में-2 एवं अन्य जिलों में-2 कुल-15 स्थापित होना प्रस्तावित है।
इन इकाईयों में मुख्य रूप से पैडी, मक्का, गन्ना इत्यादि प्रमुख कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होंगे। बॉयोफ्यूल उत्पादन करने वाली इकाईयों को औद्योगिक नीति-2019-24 के तहत निम्न सुविधाओं की पात्रता होगी। बॉयोफ्यूल को उच्च प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है। इकाई को स्थायी पूंजी निवेश का 45 से 100 प्रतिशत तक नेट एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की पात्रता होगी। विद्युत शुल्क छूट-100 प्रतिशत 9 वर्ष तक। स्टॉम्प ड्यूटी छूट-100 प्रतिशत तकनीकि पेटेंट अनुदान-कुल लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपए छूट की सुविधा होगी।
छत्तीसगढ़ देश में गुणवत्तापूर्ण सतत विद्युत उपलब्ध कराने वाले राज्यों में अग्रणी पंक्ति में शामिल है। यहां कुशल श्रम शक्ति की सुलभ सहज एवं किफायती दर पर उपलब्धता तथा औद्योगिक निवेश हेतु अति महत्वपूर्ण कारक श्रमिक शान्ति के बल पर ही छत्तीसगढ़ राज्य आज देश में निवेश हेतु निवेशकों में पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में प्रचुर मात्रा में धान के उत्पादन एवं बचत के अधिक्य को देखते हुए धान से बायो ईंधन एथेनॉल निर्माण को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है।