तीन जनसूचना अधिकारी पर दो लाख 78 हजार रूपए का अर्थ दण्ड अधिरोपित
तीन जनसूचना अधिकारी पर दो लाख 78 हजार रूपए का अर्थ दण्ड अधिरोपित

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम0 के0 राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण तत्कालीन जनसूचना अधिकारी (श्री अजय वस्त्रकार) ग्राम पंचायत उसलापुर को 8 प्रकरणों पर दो लाख रूपए और राज्य सूचना आयुक्त श्री ए0के0अग्रवाल ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं तहसीलदार जगदलपुर (श्री आनंद राम नेताम) को दो प्रकरण पर 28 हजार रूपए, तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं वन परिक्षेत्राधिकारी कानन पेण्डारी जू ( श्रीअजय शर्मा) को दो प्रकरण पर 50 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।

आवेदक श्री रमेश कुमार टण्डन ग्राम पंचायत उसलापुर ने श्री अजय वस्त्रकार तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत उसलापुर विकासखण्ड तखतपुर जिला बिलासपुर से पंचायत के कार्यो से संबंधित 8 आवेदनों पर वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की मूलभूत की राशि, 2016-17 एवं 2017-18 की रोकड़ बही, 14 वें वित आयोग से कालोनी निर्माण की स्वीकृति, पंचायत के बैठक की कार्यवाही पंजी की मांग से संबंधित 19 फरवरी 2018 को आवेदन किया। जानकारी प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तखतपुर 22 मार्च 2018 को आवेदन प्रस्तुत किया प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों का पालन नहीं कर जनसूचना अधिकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान का उलंघन किया। साथ ही विलंब से आवेदक को जानकारी दी। मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के. राउत ने आवेदक को विलंब से सूचना देने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत 8 प्रकरणों पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तखतपुर को निर्देश दिए हैं।

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लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रभावशील है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मील का पत्थर साबित हो रहा है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदक धर्मेन्द्र पटेल जगदलपुर ने ग्राम आड़ावाल के निजी भूमि के सीमांकन के समय उपस्थित अधिकारी, कर्मचारी के नाम और खसरा, बी-1 पंचनामा की सत्यापित प्रति की मांग 20 सितंबर 2016 को और सुरेश चांडक की निजी भूमि के सीमांकन के लिए आवेदन 5 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन जनसूचना अधिकारी तहसीलदार जगदलपुर श्री आनंद राम नेताम से की थी। जनसूचना अधिकारी तहसीलदार जगदलपुर से निर्धारित समयावधि में जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष 5 नवंबर 2016 को आवेदन किया। राज्य सूचना आयुक्त श्री ए0के0 अग्रवाल ने प्रकरण का बारीकी से परीक्षण किया और प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश के बाद भी जनसूचना अधिकारी के द्वारा संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं होने के कारण एक प्रकरण में 12 हजार रूपए और दूसरे प्रकरण में 16 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए कलेक्टर कांकेर को निर्देशित किया गया है कि तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री आनंद राम नेताम से अधिरोपित अर्थदण्ड राशि की वसूली कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।

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इसी प्रकार आवेदक नीतिन सिंघवी रायपुर ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं वन परिक्षेत्राधिकारी रतनपुर (श्री अजय शर्मा) से 14 फरवरी 2019 को पहले आवेदन में कानन पेण्डारी जू में दिसंबर 2018 में सफेद बाघ मौत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी। दूसरे आवेदन में उन्होंने बाध के पोस्टमार्टम के लिए उप संचालक/संयुक्त संचालक पशुधन विकास विभाग को लिखे पत्र की प्रमाणित प्रति की मांग की थी। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं वन परिक्षेत्राधिकारी कानन पेण्डारी जू से समय पर आवदेक को जवाब प्राप्त नहीं होने पर आयोग में शिकायत किया। राज्य सूचना आयोग में आयुक्त श्री अग्रवाल ने आवेदक और तत्कालीन जनसूचना अधिकारी वन परिक्षेत्राधिकारी कानन पेण्डारी जू के जवाब को सुनकर तत्कालीन जनसूचना अधिकारी का जवाब समाधान कारक नहीं होने के कारण आयुक्त श्री अग्रवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) तहत दोनों प्रकरण पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए वनमंडलाधिकारी बिलासपुर वनमंडल बिलासपुर को निर्देशित किया गया है कि तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री अजय शर्मा से अधिरोपित अर्थदण्ड राशि की वसूली कर शासन के कोष में जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।

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