- वैद्यराजों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
- कोटेश्वर धाम में वैद्यों के लिए विश्रामगृह का निर्माण होगा और धान खरीदी केंद्र खुलेगा
- कोटेश्वर धाम को 4 हेक्टेयर क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार पट्टा मिलेगा,
- सात-धारा में स्टापडेम और यज्ञ शाला में होगा शेड निर्माण
- बेलरगांव को तहसील बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने धमतरी जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज धमतरी जिले के नगरी के डोंगरडूला स्थित कोटेश्वर धाम में ऋषि पंचमी के मौके पर आयोजित पारंपरिक वैद्यराज के सम्मेलन में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैद्यों के पारंपरिक ज्ञान को लिपिबद्ध करके सहेजने का काम राज्य सरकार ने शुरु कर दिया है, इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने वैद्यराज को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिस तरह घर की बाड़ियों में सब्जी भाजी उगाई जाती है, उसी तरह वैद्यराज भी बाड़ी में औषधीय पौधे लगाएं। वैद्य बाड़ी के लिए शासन द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर श्री बघेल ने कोटेश्वर धाम में औषधियों के प्रसंस्करण और प्रशिक्षण के लिए केंद्र खोलने, वैद्यों के लिए विश्रामगृह का निर्माण कराने, धान खरीदी केंद्र खोलने, कोटेश्वर धाम को 4 हेक्टेयर क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार पट्टा देने, कोटेश्वर धाम की सात धारा में स्टापडेम निर्माण, यज्ञ शाला में शेड का निर्माण तथा कोटेश्वर परिसपर में सौर ऊर्जा से विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था करने की घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने बेलरगांव को तहसील बनाने के लिए धमतरी जिला कलेक्टर को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
कोटेश्वर धाम में आयोजित परंपरागत वैद्यों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिकाल से वैद्य जड़ी बूटियों से इलाज करते आए हैं। उनके ज्ञान को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुदान की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जंगलों में बहुत से औषधीय पौधे हैं, इनका ज्ञान वैद्यराजों को है, इस ज्ञान को लिपिबद्ध करने से आनेवाली पीढ़ी को भी इसका लाभ मिलेगा। इसी क्रम में रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में करीब दो साल पहले 2000 से अधिक वैद्यराजों का सम्मेलन आयोजित किया गया था। वैद्यों के ज्ञान को छत्तीसगढ़ पादप बोर्ड ने एक किताब के रूप में संग्रहित कर प्रकाशित किया गया है, जिसका वितरण भी कार्यक्रम के दौरान वैद्यराजों को किया गया। इस किताब में आगे और भी वैद्यों के ज्ञान को संग्रहित कर प्रकाशित किया जाएगा।
नगरी के कोटेश्वर धाम में शंभू शक्ति स्वास्थ्य सामाजिक सेवा संस्थान और आदिवासी परंपरागत प्रमाणित वैद्यराज प्रदेश संघ के संयुक्त तत्वावधान में ऋषि पंचमी के अवसर पर वैद्य सम्मेलन की शुरुआत हुई है। आज सम्मेलन में शिरकत करने से पहले मुख्यमंत्री ने कोटेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश की तरक्की और खुशहाली की प्रार्थना की। सम्मेलन के उद्घाटन-कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आम लोगों के कल्याण के लिए पूरी लगन से प्रयास किया जा रहा है। बात चाहें उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल हाफ योजना की हो या फिर किसानों के कर्ज माफी की हो, प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ी महतारी की सेवा में पूरी तरह समर्पित होकर काम कर रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिमालय की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़ के जंगलों में सबसे शुद्ध औषधीय पौधे पाए जाते हैं। आज कोटेश्वर धाम में पूजा के दौरान उन्होंने पाया कि 60-62 प्रकार की जड़ी बूटियां यहां उपलब्ध हैं। पारंपरिक वैद्यराजों के ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और उसका उन्नयन करना आवश्यक है। मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने अपने उद्बोधन में प्रदेश सरकार द्वारा हाल की शुरू किए गए राजीव गांधी भूमिहीन किसान न्याय योजना, महिला समूहों की ऋण माफी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सदैव जन कल्याण के लिए तत्पर है।