नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: विकास की डगर वनांचल के अंतिम छोर तक
नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह: विकास की डगर वनांचल के अंतिम छोर तक

रायपुर । राज्य शासन द्वारा पिछले 36 माह से जिले में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में निरंतर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। शासन के गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करते हुए कोरबा जिले में भी विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं। जिले में लोगों के आवागमन के साधन को लगातार बेहतर करते हुए सड़कों का निर्माण करके जिले के दूरस्थ वनांचल को मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में रानी अटारी से पसान-पिपरिया तक सात किलोमीटर लंबाई की सड़क का उन्नयन कार्य मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया गया है। रानी अटारी से पिपरिया तक के रहवासियों की गिट्टीयुक्त पुराने सड़क में चलने की मजबूरी अब खत्म हो गई है।

रानी अटारी से पसान-पिपरिया सड़क का उन्नयन कर नई सड़क के रूप में किया गया है। नई सड़क बन जाने से रानी अटारी से पसान-पिपरिया मार्ग के लगभग 10 गांवो के पांच हजार से अधिक लोगों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल रही है। इस सड़क के बन जाने से लोगों को कोरबा से कोरिया-बैकुण्ठपुर आने-जाने की सुविधा भी हो रही है। यह सड़क डब्ल्यूबीएम और जगह-जगह जीर्ण-शीर्ण और गढ्ड़ों से भरी थी। लोगों को आवागमन में काफी तकलीफे उठानी पड़ती थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा इसी मार्ग के महत्व को देखते हुए उन्नयन प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया। राज्य शासन द्वारा सात किलोमीटर लंबाई की इस महत्वपूर्ण सड़क के उन्नयन के लिए तीन करोड़ 87 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस सड़क के उन्नयन कार्य के पूरा हो जाने से रानी अटारी से पसान का सीधा संपर्क स्थापित हो गया है।

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सड़क के बन जाने से कोरबा जिले के दो दूरस्थ छोर आपस में जुड़ गए हैं। सड़क निर्माण से दोनो छोर के गांवों सेन्हा, पसान, रानी अटारी, कुम्हारीदरी, तेलईकुण्डी आदि के निवासियों को दिन-रात आवागमन की सुविधा मिल रही है। नवीन सड़क के आसपास रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं, नवीन रोजगार सृजन, स्थानीय बाजारों के विकास आदि का लाभ मिल रहा है। सड़क बनने से पसान से दूरस्थ वनांचल गांव के जुड़ जाने से ग्रामीणों को अपनी फसलों की खरीदी-बिक्री के लिए बेहतर बाजार मिल पा रहा है। आने जाने में आसानी होने से किसानों को अपने फसलों का समुचित मूल्य बेहतर बाजार के माध्यम से मिल पा रहा है।

रानी अटारी से पसान-पिपरिया मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत उन्नयन किया गया है। सड़क उन्नयन में नैनो टेक्नोलॉजी और वेस्ट प्लास्टिक मटेरियल का उपयोग किया गया है। नैनो टेक्नोलॉजी और प्लास्टिक के उपयोग से बनी सड़क पर्यावरण के लिए अनुकुल है। इस सड़क में डामर के साथ वेस्ट प्लास्टिक मटेरियल को मिलाकर निर्माण किया गया है। सात किलोमीटर लंबाई की रानी अटारी से पसान-पिपरिया मार्ग के बन जाने से सड़क के आसपास रहने वाले गांव के लोगों को सभी मौसम में आवागमन के लिए सुविधा मिल रही है। जिले के दूरस्थ छोर होने के बावजूद लोगों को अब बरसात, गर्मी और ठण्ड के मौसम में भी स्वास्थ्य, शिक्षा और बाजार के लिए आने जाने में सुविधा हो रही है।

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