पत्नी और बेटी के भरण-पोषण के लिए एक मुश्त राशि जमा कराने महिला आयोग ने दिये निर्देश
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की उपस्थिति में आज कांकेर के कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में 20 प्रकरणों की सुनवाई की गई, जिसमें 14 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 06 प्रकरणों के पक्षकार अनुपस्थित रहे।
सुनवाई के दौरान दहेज प्रताड़ना के प्रकरण में अनावेदक अनुपस्थित होने पर आयोग ने एसआई कांकेर को आवेदिका के प्रकरण की तफ्तीश अपने सामने कराने निर्देशित किया, साथ ही आवेदिका व बच्चे के भरण-पोषण के लिए अनावेदक से राशि स्वीकृत कराने कहा है। इस प्रकरण में जानकारी मिली कि अनावेदक अपनी पत्नी को तलाक दिये बिना दूसरी शादी करने वाला है। इस पर आयोग ने उस दूसरी महिला का बयान दर्ज कर 10 दिवस के भीतर आयोग के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। डॉ. नायक ने कहा है कि पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार एक मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण में अनावेदक ने जानकारी दिया कि तलाक का मामला न्यायालय में लंबित है। उसने यह स्वीकार किया कि आवेदिका से तलाक लिए बिना उसने दूसरी शादी किया है। इस पर आयोग ने अनावेदक को आवेदिका पत्नी व बच्चे के स्थाई भरण-पोषण की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए आवेदिका की अनुपस्थिति के कारण प्रकरण को आगामी सुनवाई के लिए रखा। आयोग ने प्रकरण को महिला एवं बाल विकास विभाग को सुपुर्द करते हुए आवेदिका और उसके बच्चे के भरण-पोषण के लिए एक मुश्त राशि जमा करवाने की कार्यवाही कर आयोग को अवगत कराने निर्देशित किया। इसी प्रकार मानसिक प्रताड़ना, मारपीट, शारीरिक शोषण के कई प्रकरणों को विधिक आधार पर निराकृत करते हुए में आयोग ने नस्तीबद्ध किया। मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में अनावेदक उच्च श्रेणी में लिपिक ने जानकारी दिया कि आवेदिका के पेंशन प्रकरण में 2008 से 2011 में विसंगतियां होने के कारण उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है। अनावेदक ने एक सप्ताह में कार्यवाही होने की संभावना व्यक्त की। इस प्रकरण में आयोग ने कार्यालय संयुक्त संचालक एवं नगरीय प्रशासन कांकेर को कार्यवाही कर महिला आयोग कार्यालय को सूचित करने निर्देशित किया है। सुनवाई में जनप्रतिनिधिगण, अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान, संरक्षण अधिकारी, सहित पुलिस व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।