राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि राज्य में प्रौढ़ शिक्षा के लिए शत-प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने हेतु पाठ्यचर्या का निर्माण किया जाना चाहिए, जिसे प्रौढ़ ़लोग आसानी से समझ सकें और उन्हें व्यावहारिक अक्षर ज्ञान आ जाए। डॉ. शिवहरे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रौढ़ शिक्षा के लिए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क बनाने हेतु यहां आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन एससीईआरटी के स्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तत्वावधान में किया गया।
डॉ. शिवहरे ने कहा कि विषय-विशेषज्ञों ने 2 दिन में जिन पांच विषयों में अलग-अलग समूह में चर्चा की है। इन्हीं विषयों पर जिलों में जाकर अलग-अलग वर्गों के साथ चर्चा करनी है और पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करनी है। उन्होंने कहा कि पाठ्यचर्या में नवाचारी गतिविधियां को अपनाया जाए, जिसे प्रौढ़ सहजता से जल्दी सीख सकें। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर एवं नोडल अधिकारी श्री प्रशांत कुमार पांडे ने समापन सत्र में बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के पूर्व की तैयारी है। इसमें न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के लिए कार्य योजना बनानी है। यह कार्य योजना ऐसी होगी, जो व्यावहारिक एवं प्रौढ़ों के लिए आकर्षक हो।
कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर शिक्षा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री आलोक शर्मा, समग्र शिक्षा के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. एम सुधीश, एससीआरटी की सहायक प्राध्यापक डॉ. नीलम अरोरा, राज्य शिक्षा केंद्र की प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीमती प्रीति सिंह, जिला साक्षरता मिशन कोरिया के जिला परियोजना अधिकारी श्री उमेश जायसवाल, महासमुंद के श्री रेख राज शर्मा, रायपुर की डॉ. कामिनी बावनकर, राज्य साक्षरता मिशन की सलाहकार श्रीमती निधि अग्रवाल, कुमारी नेहा शुक्ला सहित प्रदेश के जिला साक्षरता मिशन, डाइट और जिले के रिसोर्स पर्सन शामिल हुए।