मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महाराजा चक्रधर सिंह को उनकी जयंती 19 अगस्त पर नमन किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि रायगढ़ के महाराजा चक्रधर सिंह समर्पित कला साधक होने के साथ-साथ उच्च कोटि के विद्वान और संगीत शास्त्र के ज्ञाता थे। संगीत और शास्त्रीय नृत्य कला की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कत्थक की अनेक नई बंदिशें तैयार की और नृत्य और संगीत विधा की कई साहित्यिक कृतियों की रचना की। अनुभूति तथा संगीत की गहराइयों में डूबकर उन्होंनेे कत्थक के विशिष्ट स्वरुप को विकसित किया, जिसे रायगढ़ घराने के नाम से जाना जाता है। रायगढ़ को देश के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में संवारने का श्रेय महाराजा चक्रधर सिंह को जाता है।
श्री बघेल ने कहा कि संगीत और नृत्य कला के संवर्धन और संरक्षण में महाराज चक्रधर सिंह के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए हर वर्ष रायगढ़ में अखिल भारतीय चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कलाकार प्रस्तुति देते हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संगीत और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजा चक्रधर सिंह सम्मान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराज चक्रधर सिंह को उनके संगीत और कला के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।