कुपोषण व अनीमिया पर विजय पाकर गर्भवती फुलवा हुई कुपोषण मुक्त
कुपोषण व अनीमिया पर विजय पाकर गर्भवती फुलवा हुई कुपोषण मुक्त

रायपुर । श्रीमती फुलवा ने कुपोषण और अनीमिया पर विजय पाकर एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया है। जिला कोरबा के लबेद निवासी श्रीमती फुलवा गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में कुपोषण व अनीमिया से पीड़ित थी। उसका हिमोग्लोबिन का स्तर भी काफी कम हो गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत उसे आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले अण्डा, मंूगफली लड्डू, दूध, पापड़, आचार, चिक्की एवं अन्य पौष्टिक आहार दिया गया। जिससे गर्भवती फुलवा का हीमोग्लोबिन का स्तर प्रसव के समय बढ़कर 10 ग्राम एवं वजन 49 किलोग्राम हो गया था। जन्म के दौरान बच्चे का वजन साढ़े तीन किलोग्राम था।

सुपोषण अभियान के तहत राज्य में कुपोषण मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इससे कुपोषण के दर में काफी गिरावट आई है। अभियान के तहत कुपोषण को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है। सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ रेडी-टु-ईट दिया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से गृह भेंट करके हितग्राहियों को व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच एवं पौष्टिक आहार के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

इसे भी पढ़ें  दिव्यांग ललिता को गोठान ने दी ताकत : खुद भी कमा रहीं : 35 महिलाओं को भी दिया रोजगार

महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा जिला के कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पंजीयन के समय फुलवा का वजन लगभग 37 किलोग्राम था एवं उसका हीमोग्लोबिन स्तर भी बहुत कम था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा फुलवा के घर जाकर महतारी जतन के बारे में बताने के साथ ही प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र में भोजन करने के लिए बुलाया गया। फुलवा को समय-समय पर खाने-पीने और साफ-सफाई के बारे में भी बताया गया। फुलवा को भोजन में मुनगा भाजी खाने और आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाली रेडी टू ईट फूड के फायदों के बारे में भी बताया गया। उसे आयरन गोली खाने की विधि के बारे में भी बताया गया। फुलवा प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र भोजन के लिए आती थी। जिस दिन नहीं आ पाती थी उस दिन उन्हें टिफिन में पौष्टिक आहार दिया जाता था। श्रीमनी फुलवा को सभी टीका लगाने के अलावा जरूरी स्वास्थ्य जांच भी करवाई गई। फुलवा का प्रसव कुदमुरा अस्पताल में हुआ, जहां उन्होंने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया।    

इसे भी पढ़ें  शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य…