रायपुर । महोत्सव के पहले दिन आज देर रात तक छत्तीसगढ़ सहित भारत के कई प्रदेशों और दूसरे देशों से आए आदिवासी नृत्य दलों ने रंगारंग आकर्षक प्रस्तुतियां दी। गीत, संगीत, नृत्य और रंगों के सम्मोहन में दर्शकों के साथ ही अतिथिगण भी देर रात तक गुलाबी ठंड में बंधे रहे। ऊपर मंच पर कलाकार थिरकते रहे और नीचे अतिथियों व दर्शकों ने पूरे उत्साह से उनके कायर्क्रम को सराहा। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्रीगण और अन्य अतिथिगण 3 देशों स्वाजीलैंड, उज्बेकिस्तान एवं माली देश और पड़ोसी राज्य छिंदवाड़ा के दल ने दर्शकों को अपने-अपने संस्कृति एवं लोकनृत्य से रु-ब-रू कराया नृत्य को देख अतिथि एवं दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। आज शाम को स्वाजीलैंड के दल द्वारा अपने वीर सैनिक और योद्धाओं के शौर्य को समर्पित नृत्य की प्रस्तुति दी ।
स्वाजीलैंड के कलाकारों के जय जोहार और नमस्ते संबोधन ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। उज़्बेकिस्तान के दल ने फसल कटाई के अवसर पर किये जाने वाले पारंपरिक परिधान और पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर उत्साह से भरे नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति ने कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में दर्शकों में नई ऊर्जा का संचार किया तो वहीं माली के दल ने कार्यक्रम के अंतिम प्रस्तुति में सबका मन मोह लिया। राज्यपाल महोदया के क्षेत्र से आने वाले मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा से आए लोक नृत्य दल की आदिवासी सैला गेंडी नृत्य की विशेष प्रस्तुति दी। छिंदवाड़ा के दल ने वाद्य यंत्रों और ताल के ताल मिलाते हुए संतुलन बनाकर सैला गेंडी नृत्य कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध
कर दिया।