घनश्याम केशरवानी, सहायक संचालक
एक तरफ जहां श्रमिक और कामगार परिवारों के लिए निजी अस्पतालों में जाकर इलाज कराना आर्थिक बोझ था तो दूसरी ओर अपने काम-काज को छोड़कर सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए जाना भी एक बड़ी समस्या थी। ऐसे में कई बार बीमार रहते हुए भी काम पर जाना उनकी मजबूरी थी। इससे कई बार उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता था। राज्य सरकार ने इन गरीब श्रमिकों और कामगार परिवारों की दिक्कतों को समझते हुए उन्हें घर के पास ही चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया और उनके लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू की है।
श्रमिक और कामगार परिवारों का मानना है कि मोबाइल मेडिकल यूनिट उनके परिवारों के लिए राहत भरा पैगाम लेकर आती हैं। इस योजना के शुरू होने पर उन्हंे इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ता। कई प्रकार की बीमारियों के लिए टेस्ट के साथ ही दवाईयां भी निःशुल्क मिल जाती हैं। श्रमिक और कामगार लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। चिकित्सक और मेडिकल टीम पूरी सजगता से मरीजों का परीक्षण करते हैं। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में चिकित्सक अपनी टीम के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए कामगारों की बस्तियों में पहुंच रहे हैं। इन सुविधाओं के मिलने से ये परिवार प्रसन्न हैं।
जगदलपुर में नवंबर 2020 से शुरू की गई यह योजना नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जिला स्तर पर गठित अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से संचालित की जा रही है। जगदलपुर नगर निगम द्वारा चार मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम से निगम क्षेत्र के 48 वार्डों में प्रतिदिन निर्धारित चार वार्डों में कैम्प लगाकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण, दवाइयों का वितरण और लैब टेस्ट की सुविधा दी जा रही है। पिछले दस माह में जगदलपुर में 43 हजार से अधिक श्रमिक और कामगार परिवारों को स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार सुविधा मिली है। इस योजना की मानिटरिंग के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट में चिकित्सकों एवं स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने फेस रीडिंग, रियल टाइम जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा आदि की व्यवस्था भी की गई है।
मोबाईल मेडिकल यूनिट के जरिए 904 कैम्प किए हैं जिसमें 43 हजार 097 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। इनमें लगभग 11 हजार मरीजों का विभिन्न बीमारियों के लिए रक्त एवं अन्य परीक्षण किए गए हैं। लगभग 33 हजार से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाईयां भी वितरित की गई हैं इसके अलावा 23 हजार से अधिक कामगारों का पंजीयन किया गया है। मोबाइल मेडिकल कैम्प के जरिए महिलाओं को ए.एन.सी., पी.एन.सी., जांच सुविधा दी जा रही है। स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार में गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को जिला चिकित्सालय में रिफर किया जाता है।