शैक्षणिक गुणवत्ता विकास के मार्ग में मील का पत्थर है ‘संवर्धन’: गिरीश देवांगन
शैक्षणिक गुणवत्ता विकास के मार्ग में मील का पत्थर है ‘संवर्धन’: गिरीश देवांगन

रायपुर । समस्यामुक्त शिक्षक ही अपने समाज और भविष्य की पीढ़ी को अधिक कारगर ढ़ंग से सृजनशील बनाकर किसी प्रदेश के विकास में अपने योगदान को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में शिक्षा को विशेष प्राथमिकता देते हुए न केवल वैश्विक भाषा अंग्रेजी में शिक्षा व्यवस्था के लिए पूरे देश में प्रशंसनीय कद़म उठाये गये हैं, बल्कि पहली बार उनकी मंशा के अनुरुप राज्य में दूर-दराज़ में कार्यरत शिक्षकों की छोटी से छोटी समस्याओं को सुनकर उन्हें निराकृत करने हेतु ‘संवर्धन’ जैसे बेहद प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन विकासखंड स्तर पर हो रहा है। राज्य की शैक्षणिक गुणवत्ता विकसित करने के मार्ग में यह आयोजन मील का पत्थर है ।

छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन ने खरोरा में आयोजित संभाग स्तरीय शिक्षक समस्या निवारण शिविर (संवर्धन) के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि इन शिविरों से शिक्षक साथी मानसिक रूप से सबल होंगे। यह कदम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गुरुजनों के साथ ही मिलकर ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की दिशा में सकारात्मक कदम है। विधायक धरसीवां श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जनतंत्र में जन समस्याओं के निराकरण के लिए तो समस्या निवारण करते हैं, किन्तु नई पीढ़ी को अपनी मेहनत से रचने वाले शिक्षकों की समस्या को भी बृहत स्तर पर सुनी जाये, प्रशासन द्वारा शिविरों का आयोजन हो। स्कूल शिक्षा विभाग में संयुक्त संचालक रायपुर द्वारा कोरोना काल में दिवंगत कर्मचारियों को समय रहते अनुकम्पा नियुक्ति सहित उन्हें विभिन्न तरह की राहत प्रदान करने की दिशा में भी यह एक नेक प्रयास है।

इसे भी पढ़ें  राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाए जाने के साथ अन्य मुद्दों पर दिए गए सुझाव

इस शिविर में विभिन्न आहरण एवं संवितरण अधिकारी के अंतर्गत कुल 180 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 162 प्रकरण पूर्व नियोक्ता अर्थात् पंचायत विभाग के अधीन जनपद, जिला पंचायत और महालेखाकार से संबंधित होने के कारण त्वरित निराकृत करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित कर दिया गया। वेतन वृद्धि एरियर्स राशि से संबंधित आवेदनों का निराकरण मौके पर ही किया गया। संयुक्त संचालक द्वारा शेष प्रकरणों का निपटारा विभाग के मैदानी अधिकारियों से 15 दिन के भीतर ही कराने की लिखित सूचना संबंधित आवेदकों को दी गई। शिविर में संयुक्त संचालक शिक्षा श्री जे.पी. रथ ने बताया कि प्रथम चरण में देवभोग, नगरी, बागबाहरा, कसडोल तथा तिल्दा विकासखंड में आयोजित इन शिविरों में प्रशासनिक एवं वित्तीय मामलों से संबंधित 15 प्रकार की व्यक्तिगत समस्याओं को शिविर स्थल पर ही निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि शिक्षक चिंतामुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तथा शैक्षिक गुणवत्ता में अपना योगदान दे। अगले चरण में संभाग के शेष सभी 18 विकासखंड मुख्यालयों में संवर्धन शिविरों का आयोजन बारी-बारी से किया जायेगा।  
विकासखण्ड तिल्दा के भरत देवांगन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरोरा में आयोजित में अध्यक्ष नगर पंचायत खरोरा श्री अनिल सोनी, श्री अरविन्द देवांगन अध्यक्ष शाला विकास समिति, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बी.एल. देवांगन, प्राचार्य रजनी मिंज सहायक संचालक सत्यदेव वर्मा सहित तिल्दा विकासखंड के सभी हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी के प्राचार्य, संकुल समन्वयक, प्रधान पाठक, शिक्षक-शिक्षिकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

इसे भी पढ़ें  कृषि उत्पादन का बढ़ना देश की ताकत होनी चाहिए, समस्या नहीं