राज्यपाल ने श्री सत्य साईं संजीवनी हास्पिटल में मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र का उद्घाटन किया
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र ‘‘ममत्व’’ का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर वहां भर्ती गर्भवती माताओं, हृदय रोग से स्वस्थ हुए बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उन बच्चों के स्वस्थ जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल परिसर में स्थित हनुमान मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल हुई। उन्होंने श्री सत्य साईं बाबा को नमन किया तथा अस्पताल का अवलोकन किया। साथ ही अस्पताल में भर्ती गर्भवती माताओं से मुलाकात की। राज्यपाल इस अवसर पर गोद भराई की रस्म में शामिल भी हुई और माताओं के सुरक्षित मातृत्व के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा ने संसार को मानवता का संदेश दिया है। उनका मानना था कि ईश्वर से प्रेम करने का श्रेष्ठ रास्ता है सबसे प्रेम करें और सबकी सेवा करें। वे मानव सेवा को सर्वोपरि मानते थे। यह अस्पताल उनकी इसी अवधारणा पर कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने रामायण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री हनुमान ने भगवान श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण के युद्ध में घायल होने पर संजीवनी बूटी से प्राणों की रक्षा की थी। उन्होंने बूटी लाने के लिए पूरे पहाड़ को ही साथ ले आए थे। इसी तरह यह हॉस्पिटल आम जनों को संजीवनी देने का कार्य कर रहा है। संजीवनी अस्पताल से बच्चों के हृदय रोग का इलाज निःशुल्क होता है, जिससे उन्हें नवजीवन मिलता है।
राज्यपाल ने कहा कि आज से करीब पांच महीने पहले इस मातृ एवं बाल देखभाल केन्द्र का शिलान्यास हुआ था, परन्तु कोरोना काल और बारिश के बावजूद इतने न्यूनतम समय में अस्पताल का तैयार होना एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उन्होंने श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री सी. श्रीनिवास तथा पूरे प्रबंधन को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा ने पूरे संसार को प्रेम, दया और मानवता का संदेश दिया है। वे एक तरह से राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के तौर पर भी स्वीकार किए जाते हैं। उनका मानना था कि विभिन्न मतों को मानने वाले अपने-अपने धर्म को मानते हुए अच्छा मानव बनें।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि मदर एंड चाईल्ड केयर सेंटर ‘स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे’ की अवधारणा पर प्रारंभ किया जा रहा है। इस केन्द्र के प्रारंभ होने से प्रदेश में मां और बच्चों के इलाज की अच्छी सुविधा मिलेगी। गर्भवती माताओं का निःशुल्क इलाज होगा तथा डिलीवरी भी मुफ्त होगी। इससे निर्धन वर्ग की जनता को बहुत मदद मिलेगी, गर्भावस्था के समय मां की देखभाल से स्वस्थ बच्चे का जन्म होगा। साथ ही कुपोषण की दर में भी कमी होगी। एक स्वस्थ बच्चा बड़ा होकर स्वस्थ नागरिक बनेगा और देश की प्रगति में अधिक से अधिक योगदान देगा। साथ ही बच्चों की देखरेख भी निःशुल्क की जाएगी। यहां बच्चे के स्वास्थ्य और हृदय की माता के गर्भ में ही जांच किये जाने की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध है, जिससे जन्म लेने के बाद बच्चे का तुरंत इलाज किया जा सकता है। यह सुविधा वर्तमान में बड़े शहरों के अस्पतालों में ही उपलब्ध है।
सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं ने कहा कि यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि जन्मभूमि की सेवा करने के साथ ही हम अब जननी की भी सेवा करने जा रहे हैं। उन्होंने सभी चिकित्सकों और स्टॉफ को इसके लिए बधाई दी।
श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री सी. श्रीनिवास ने कहा कि श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल ने कोविड महामारी के दौरान भी लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई। संस्थान द्वारा डॉ. सी. राजेश्वरी संगवारी क्लिनिक के माध्यम से आम जनता को उनके दरवाजे तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के बच्चों का भी यहां हृदय का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया है।
कार्यक्रम में सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं एवं श्री सत्य साईं हेल्थ एवं एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री सी. श्रीनिवास ने भी अपना संबोधन दिया। साथ ही स्वस्थ हो चुके बच्चों के माता-पिता ने अपने अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर राज्यपाल को प्रतीक चिन्ह दिया गया। राज्यपाल ने भी सद्गुरू श्री मधुसुदन साईं और श्री श्रीनिवास का सम्मान किया।
इस अवसर पर श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के चांसलर श्री बी.एन. नरसिम्हा मूर्ति, श्री सत्य साईं एवं एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री विवेक गौर, अस्पताल के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ भी उपस्थित थे।