संस्कृत सभी भाषाओं की जननी संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ
संस्कृत सभी भाषाओं की जननी संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ

छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् कार्यालय रायपुर में संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ मां सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर संस्कृत सप्ताह प्रारंभ की घोषणा की गई। कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवानिवृत्त प्रोफेसर श्री पार्थसारथी राव ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में संस्कृत सप्ताह का आयोजन 19 अगस्त से 25 अगस्त तक किया जा रहा है।

संस्कृत सभी भाषाओं की जननी संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ
संस्कृत सभी भाषाओं की जननी संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. तोयनिधि वैष्णव ने संस्कृत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत एक प्राचीन भाषा है, जिसमें सर्वस्व सन्निहित है। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. सुखदेव राम साहू ने कहा कि सूक्ति के माध्यम से संस्कृत को सरलतापूर्वक जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक प्राध्यापक डॉ. बहुरन पटेल ने कहा कि संस्कृत भाषा में अपनी विशिष्टता एवं वैज्ञानिकता के कारण भारतीय विरासत को सहेजकर रखने में अपना अप्रतीम योगदान दिया है।

व्याख्याता डॉ. नारायण साहू ने कहा कि संस्कृत भाषा विलक्षण भाषा है, जो श्रृति एवं स्मृति में सदैव अविस्मरणीय है। संस्कृत विद्यामंडलम की प्रभारी सचिव श्रीमती पूर्णिमा पांडेय ने संस्कृत विद्या को भारतीय शिक्षा में अनिवार्य करना आवश्यक बतलाया। सहायक संचालक श्री लक्ष्मण प्रसाद साहू ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा का अपना एक वैज्ञानिक महत्व है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार संस्कृत एक संपूर्ण वैज्ञानिक भाषा है।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़: बलरामपुर-रामानुजगंज में 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' का शुभारंभ, 192 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण

उन्होंने बताया कि संस्कृत सप्ताह से संबंधित संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। संस्कृत सप्ताह का आयोजन रक्षाबंधन के तीन दिन पूर्व और तीन दिवस बाद तक किया जाता है। संस्कृत विद्या मंडलम् की व्याख्याता श्रीमती आशारानी चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर व्याख्याता श्रीमती शिवा सोमवंशी सहित संस्कृत विद्यामंडलम् के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।