रायपुर । एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने की। कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में विशेष सचिव श्री मनोज कुमार सोनी, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री निरंजन दास, खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण की संचालक व मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल, बस्तर संभागायुक्त श्री जीआर चुरेन्द्र सहित बस्तर जिले के कलेक्टर श्री रजत बंसल, कांकेर जिले के कलेक्टर श्री चंदन कुमार, दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर श्री दीपक सोनी, कोंडागांव जिले के कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र मीणा, नारायणपुर जिले के कलेक्टर श्री धर्मेश साहू और बीजापुर जिले के कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा, बस्तर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी उपस्थित थीं। खाद्य सचिव श्री वर्मा ने धान एवं मक्का खरीदी की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों से किए जाने वाले धान एवं मक्का के अवैध परिवहन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए।
उन्होंने धान का अवैध परिवहन करते हुए पाए जाने पर वाहनों को जब्त करने के साथ ही तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।बस्तर संभाग में इस वर्ष 8 लाख टन से अधिक धान खरीदी का अनुमान लगाते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उपार्जित धान के रखरखाव के साथ ही परिवहन, अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण, कस्टम मिलिंग आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। सचिव खाद्य श्री टोप्पेश्वर वर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 61.65 लाख मीटरिक टन अरवा चावल लेने की सहमति दी गई है। इसलिए जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में अरवा मिलिंग को बढ़ावा दिया जाए और अरवा चावल मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन करवाएं। उन्होंने धान खरीदी की शुरुआत से धान की गुणवत्ता, बारदाने की व्यवस्था, स्टेकिंग, रखरखाव, सुरक्षा, उठाव और गुणवत्ता आदि पर विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा। उन्होंने पिछले वर्षो की कमियों, कठिनाइयों और व्यवहारिक दिक्कतों पर चर्चा करते हुए उनका समाधान करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के कांकेर, कोंडागांव, बस्तर और सुकमा जिलों की सीमा ओड़ीसा राज्य से लगती है। इसके साथ ही सुकमा, बीजापुर नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमाएं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र राज्य की सीमाओं से जुड़ी हैं। छत्तीसगढ़ शासन की धान खरीदी की नीतियों के कारण पड़ोसी राज्यों के धान को छत्तीसगढ़ में खपाए जाने की संभावनाओं को देखते हुए इन क्षेत्रों में धान के अवैध परिवहन को रोकथाम के लिए विशेष निगरानी रखते हुए धर-पकड़ की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। किसानों को मिलेगा बारदाने का अधिक मूल्य पश्चिम बंगाल में बारदाना मिलों में आई समस्याओं को देखते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए इस वर्ष पहले दिन से ही किसानों के बारदानों से धान खरीदी की अनुमति दी गई है।
पिछले वर्ष जहां प्रति बारदाना किसानों को 15 रुपए का भुगतान किया गया था, वहीं इस वर्ष लगभग 18 रुपए भुगतान किया जाएगा। बारदाना की यह राशि किसानों के खाते में मिलेगी। धान खरीदी की सुचारु व्यवस्था के लिए बारदानों की उपलब्धता बनाए रखने हेतु पूरी निगरानी रखी जाएगी और इसके लिए जिला स्तर पर प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति भी की जाएगी। पहले दिन से ही होगा धान का उठाव धान खरीदी की व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए इस वर्ष पहले दिन से ही धान के उठाव की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए मिलर्स और परिवहनकर्ताओं से अनुबंध की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने पहले दिन से ही 25 प्रतिशत बारदाने की व्यवस्था किसानों के माध्यम से करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसानों को पिछले वर्ष के उनके द्वारा प्रदाय किए गए बारदाने के राशि देनी लंबित है, तो उसे तत्काल
प्रदाय करें ।
उन्होंने लघु एवं सीमांत किसानों को टोकन देने में पहले दिन से प्राथमिकता देने और टोकन देने की पारदर्शी व्यवस्था बनाने को कहा। धान खरीदी के समय से ही गुणवत्ता नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। धान की नमी का ध्यान रखने के साथ ही धान की वैरायटी के अनुसार उनकी स्टेकिंग की जाएगी। समितियों में किसानों के नाम की सूची प्रदर्शित करने के निर्देश समितियों में किसान पंजीयन, नाम और उनके रकबे की जानकारी समितियों में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उपार्जन केंद्रों में शार्टेज की स्थिति की समीक्षा की गई। जीरो शार्टेज का लक्ष्य बनाकर धान खरीदी करने कहा गया। खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव की तैयारी करने, पानी भरने की समस्या हो तो जल निकासी की व्यवस्था, पेयजल, गेट, अग्निशमन, प्राथमिक उपचार आदि सभी तैयारी 25 नवम्बर के पूर्व करने कहा गया।
नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। शासन द्वारा धान के साथ ही अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीदी भी समितियों के माध्यम से की जा रही है। इस वर्ष मक्का की खरीदी 28 फरवरी तक की जाएगी। मक्का खरीदी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश बैठक में दिए गए। बस्तर संभागायुक्त श्री जीआर चुरेन्द्र ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ ही कोचियों द्वारा भी धान को समितियों में खपाने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में संभाग के सभी जिलों के खाद्य नियंत्रक, उप संचालक कृषि, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला विपणन अधिकारी, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, जिला प्रबंधक राज्य भंडार गृह निगम उपस्थित थे।