लखमा कुछ भी कहतें हैं, उनकी बातों का यकीन कौन करता है : केदार
लखमा कुछ भी कहतें हैं, उनकी बातों का यकीन कौन करता है : केदार

जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं के बीच बयानबाजी का सिलसिला जारी है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा के भाजपा पर लगाए आरोपों का अब पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, NMDC CSR की राशि कांग्रेस के जेब भरने के काम आती है। वहीं जिले के कई इलाके 15 सालों में ही लाल पानी से प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि जब से दंतेवाड़ा में NMDC स्थापित हुई है तब से यहां के लोग प्रभावित हैं। भाजपा ने भी प्रदूषित लाल पानी से मुक्ति की लड़ाई लड़ी है।

उन्होंने कहा कि, लखमा को जो चाहे बोलने दीजिए, वैसे भी उनकी बातों पर यकीन करता ही कौन है। उनके खुद के कांग्रेस पार्टी के लोग भी भरोसा नहीं करते हैं। 15 सालों तक भाजपा ने बस्तर की जनता के हित में और यहां के विकास के लिए काम किया है। जो आज भी दिखता है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व कहते हैं, कोरोना की वैक्सीन भाजपा की है, इसे नहीं लगाना है। 7 अक्टूबर को पूरे देश भर में 100 करोड़ वैक्सीनेशन पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

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केदार ने कहा कि, जिस तरह से आधार कार्ड बनाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, कांग्रेस ने उसका विरोध किया था। क्योंकि कांग्रेसी बांग्लादेशियों को भारत में घुसाना चाहते थे। लखमा कहते हैं कि, हम बस्तर के अंदरुनी गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों का आधार कार्ड बनवा रहे हैं। जबकि इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी तो हमने किया था। भाजपा की सरकार ने भी बस्तर के हरेक गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों का आधार कार्ड बनवाया था और उन्हें राज्य और केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं से जोड़ा गया था।

कांग्रेस जिस तरह से भाजपा पर आरोप लगा रही है, तो वे बताएं कि पिछले 3 सालों में उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए क्या किया है? केवल कुर्सी दौड़ के अलावा छत्तीसगढ़ में कुछ और नया नहीं दिख रहा है। भाजपा के कार्यकाल में ही बस्तर के गांव से गांव को जोड़ने सडकों का जाल बिछाया गया था। मैं कांग्रेस के नेताओं के साथ आमने-सामने बैठ डिबेट करना चाहता हूं। कवासी लखमा ने भाजपा पर निशान साधते हुए कहा था कि, छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक भाजपा की सरकार थी। उन्होंने विकास के नाम पर केवल आदिवासियों को ठगा है। बस्तर के आदिवासियों के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड भी नहीं था। न ही बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन दिया जा रहा था। लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद अंदरुनी गांवों में शिविर लगा कर ग्रामीणों के सभी सरकारी दस्तावेज भी बनाए जा रहे हैं। 15 सालों तक भाजपा की सरकार थी, उनके मंत्री दंतेवाड़ा की जनता को प्रदूषित लाल पानी से मुक्ति नहीं दिला पाए।

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