गरियाबंद । छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अभी ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि अब एक नया संकट पैदा हो गया है। गरियाबंद जिले में पार्टी के 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री समेत 200 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन कार्यकर्ताओं ने राजिम से कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वे जिस सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विधायक उसी सरपंच का साथ दे रहे हैं। जबकि विधायक पर पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। कोपरा पंचायत के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे का पत्र मोहन मरकाम, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेश शुक्ल, जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेजा है। जिसमें जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू ओर नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता ने भी इस्तीफा दिया है।
दरअसल, ये पूरा विवाद शुरू हुआ है, कोपरा पंचायत की महिला सरपंच डॉली साहू को लेकर। ग्रामीणों को आरोप है कि सरपंच ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। इसलिए वे लोग सरपंच के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। इनमें कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विधायक अमितेश शुक्ल इस मामले में उनका साथ ही नहीं दे रह हैं। बल्कि सरपंच का साथ दे रहे हैं। इसी वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता समेत गांव के लोग काफी नाराज हैं।
कोपरा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। खासकर ये कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस तरह से इस्तीफा देना, कांग्रेस को मुश्किल में डाल सकता है। वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष भावसिंह का कहना है कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है। किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा। मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास करेंगे। अमितेश शुक्ल तीसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के संतोष उप्धयाय को करीब 58 हजार वोटों से हराया था। अमितेश मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के पोते और श्यामाचरण शुक्ल के बेटे हैं। श्यामाचरण शुक्ल भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यही वजह है कि अमितेश की न सिर्फ अपने विधानसभा में बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भी पकड़ है।