जांजगीर। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम् के तत्वावधान में आर्ष ज्योतिष गुरुकुल आश्रम कोसरंगी के द्वारा संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, इसके समापन के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षा मंत्री श्री टेकाम एवं गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त जी महाराज विशेष रूप से उपस्थित हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज थे, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर अतिथियों का स्वागत स्वस्तिवाचन के साथ किया गया, अतिथि गण संस्था द्वारा आयोजित आध्यात्मिक होम- हवन के कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संचालक मंडल के सदस्यों तथा गणमान्य नागरिकों के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री टेकाम ने संस्कृत के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति का परिचायक है, इसने पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाया है, हमें इसके प्रचार प्रसार पर ध्यान देना होगा। संस्कृत के विकास से ही हमारी भारतीय संस्कृति आगे बढ़ेगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राजेश्री महन्त जी महाराज ने अपना आशीर्वचन प्रस्तुत करते हुए कहा कि संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है इसे धर्म शास्त्रों में देववाणी कहा गया है जैसे देवता अमर हैं वैसे ही उनकी वाणी भी अमर है, इसका महत्व हर युग में रहा है। भारत को विश्व में संस्कृत भाषा और संस्कृति ने ही प्रतिष्ठा प्रदान किया है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है भारतस्य प्रतिष्ठेद्वै संस्कृतम् संस्कृतिस्त्था। भारतीय संस्कृति को ऋषि एवं कृषि संस्कृति का पर्याय मानते हुए कहा कि यहां की सभ्यता और संस्कृति ऋषि और कृषि संस्कृति से ओतप्रोत है दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने गौशालाओं का भी निरीक्षण किया वे इस सिलसिले में जिला महासमुंद के बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत स्थित ग्राम हाथीगढ़ (गबौद) में संचालित श्री गोलोकधाम गौशाला का भी अवलोकन एवं निरीक्षण के लिए उपस्थित हुए। संस्कृत प्रशिक्षण शिविर के समापन के अवसर पर विशेष रूप से संस्था के संस्थापक स्वामी धर्मानंद सरस्वती, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्रीमती डॉ रश्मि चंद्राकर, सेवालाल चंद्राकर, दाऊ लाल चंद्राकर, ममता चंद्राकर, गुरमीत सिंह सलूजा, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल के सचिव राजेश कुमार सिंह, सहायक संचालक द्वै श्रीमती पूर्णिमा पांडे, लक्ष्मण साहू, पंडित कृष्णवल्लभ शर्मा प्रधानाचार्य श्री दूधाधारी संस्कृत विद्यालय रायपुर, कोमल जी, सुरेंद्र तिवारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी पुलिस प्रशासन एवं राज्य के कोने-कोने से आए हुए संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षणार्थी गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।