जांजगीर। आज कृषि में जागरूकता की महती आवश्यकता है इस बात को लेकर व्याख्याता श्री अनुराग तिवारी की पहल पर कृषि सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में श्री चन्द्रशेखर खरे जी ने शिरकत की । सर ने कृषि शिक्षा की वर्तमान आवश्यकता पर बल देते हुए बच्चो को कृषि से जुडऩे की बात कही । उन्होंने कहा कि आज हम अपने विषय चयन को लेकर दुविधा में होते है यह हमारे समाज का कर्तव्य है कि हम सब मिलकर विषय चयन में बच्चो की सहायता करें।खरे जी ने स्वरोजगार में कृषि की महती आवश्यकता पर बल दिया मशरूम उत्पादन में सबको सामने आने की बात कही व शेक इस कार्यक्रम के अगले वक्ता के रूप में प्राचार्य श्री सन्दीप श्रीवास्तव जी ने कृषि व छतीसगढ़ सरकार की गौठान योजना पर पकाश डाला । जिसमे शासन की योजना जैविक विकास की अवधारणा पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत कार्यक्रम के संचालक श्री अनुराग तिवारी जी ने बच्चो को वर्तमान समय मे कृषि से जुडऩे का आह्वान किया।इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यही है कि हम स्वरोजगार में खुद सक्षम बनें।
विद्यालय के भौतिकी के व्याख्याता श्री महावीर विजर्सन सर ने रसायनिक खेती के दुष्परिणाम को बताया साथ ही जैविक खेती का लाभ भी प्रस्तुत किया। श्री अवधेश शर्मा जी ने कृषि में अपार सम्भावना की बात कही। कमल कौशिक सर ने वर्तमान खेती में कृषक की भूमिका पर बात रखी। कमलाकर सर ने मशरूम उत्पादन पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम के अंत मे म सुश्री यौगेश्वरी बर्मन जी ने सभी का इस कार्यकम में आने पर आभार जताया। वास्तव में वर्तमान समय की मांग है कि जनजागरूकता लाकर के बच्चो को स्वरोजगार से जोड़ा जावे यह शिक्षा जगत की पहल से ही सम्भव है और यह अनुराग सर जैसे व्याख्याताओ के द्वारा ही जमीनी हकीकत का रूप ले सकता है।