रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को कई सौगातें दी। उन्होंने बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में ध्वजारोहण के बाद प्रदेश की जनता के नाम अपने संदेश के दौरान कई नई घोषणाएं की। उन्होंने अनियमित भवन निर्माण के नियमितीकरण के लिए इसी वर्ष एक व्यवहारिक, सरल एवं पारदर्शी कानून बनाने की घोषणा की। इससे अनेक नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे और वे अपनी मेहनत से किए गए निर्माण को नियमित कराकर स्वाभिमान से जीवन-यापन एवं रोज़गार कर सकेंगे। उन्होंने रिहायशी क्षेत्रों में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों के नियमितीकरण के लिए भी आवश्यक प्रावधान किए जाने कि घोषणा की जिससे हजारों व्यवसाई आत्मविश्वास के साथ अपना व्यवसाय संचालित कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने गणतंत्र दिवस भाषण में प्रदेश में नगर निगम से बाहर के ऐसे क्षेत्र जो निवेश क्षेत्र में शामिल हैं, वहां 500 वर्गमीटर तक का भवन विन्यास बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के तय समय-सीमा में जारी किए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि नगर निगमों में 500 वर्गमीटर तक के भवनों में मानवीय हस्तक्षेप के बिना ‘डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली’ प्रारम्भ कर दी गई है। उन्होंने नगरीय-निकायों में नल कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को ‘डायरेक्ट भवन अनुज्ञा’ की तर्ज पर मानवीय हस्तक्षेप मुक्त बना कर समय-सीमा में नल कनेक्शन दिए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमियों को फ्री होल्ड किए जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आबादी, नजूल एवं स्लम पर स्थित पट्टों को फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया था, जिससे नागरिकों को भूमि-स्वामी का हक प्राप्त हुआ। अब इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति में संशोधन कर इस प्रवर्ग के लिए दस प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाने की घोषणा की। यह भू-खंड भू-प्रीमियम दर के दस प्रतिशत दर तथा एक प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की सफलता को देखते हुए इसका विस्तार प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में किए जाने की घोषणा की। श्री बघेल ने युवाओं की सहूलियत के लिए लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया का सरलीकरण किए जाने का ऐलान किया। इसके लिए वृहद स्तर पर ‘परिवहन सुविधा केंद्र’ प्रारम्भ किए जाएंगे। इन केन्द्रों को न केवल लर्निंग लाइसेंस बनाने हेतु अधिकृत किया जाएगा अपितु इन केन्द्रों में परिवहन विभाग से संबंधित समस्त सेवाएं नागरिकों को अपने निवास के पास मिल सकेंगी एवं प्रदेश के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शासकीय कार्मिकों के हित में भी दो घोषणाएं की। कर्मचारियों के अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार का अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों की कार्य क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए 5 कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली पर कार्य करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए हर जिले में ‘महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ’ के गठन की घोषणा की। उन्होंने तीरंदाजी को प्रोत्साहित करने के लिए जगदलपुर में ‘शहीद गुंडाधूर’ के नाम पर राज्य स्तरीय तीरंदाजी अकादमी प्रारम्भ करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने वृक्ष कटाई के नियमों की जटिलता एवं इसके कारण वृक्षारोपण में नागरिकों की अरूचि को देखते हुए नागरिकों के हित में इससे जुड़े कानून के सरलीकरण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी प्रासंगिक अधिनियमों और नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। उन्होंने आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 से दलहन फसल जैसे मूंग, उड़द, अरहर इत्यादि की भी खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किए जाने की घोषणा की। उन्होंने श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ शुरू किए जाने का ऐलान किया। इस योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ और प्रत्येक विकासखंड में आईटीआई खोले जाने की भी घोषणा की।